** फिलहाल 9वीं और 10वीं कक्षा में लागू है सीसीई प्रोग्राम
हिसार : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीसीई (कोर्डिनेंस एवं कंप्रहेंसिव ईविलेशन) प्रोग्राम बंद करने की तैयारी में है। विद्यार्थियों और अभिभावकों की तरफ से रूझान नहीं मिलने पर सीबीएसई को यह फैसला लेना पड़ा है।
कुछ वर्ष पहले सीबीएसई ने 9वीं और 10वीं कक्षाओं के लिए सीसीई प्रोग्राम की शुरुआत की थी। प्रोग्राम के अंतर्गत वर्षभर विद्यार्थियों की कोई कोई एक्टिविटीज कराई जाती है। सीबीएसई का मानना था कि इस प्रोग्राम से विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा और वह हर समय विभिन्न एक्टिविटीज के प्रति जागरूक रहेंगे। कुछ समय के लिए विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों ने भी इसे सराहा, लेकिन अब विद्यार्थियों और अभिभावकों का रूझान कम हो रहा है और इस प्रोग्राम को सकारात्मक नहीं मान रहे। यही कारण है कि सीबीएसई अब इस प्रोग्राम को बंद करने की तैयारी में है। हालांकि अभी तक स्कूलों को कोई निर्देश जारी नहीं किए गए, लेकिन बोर्ड इसे बंद करने के लिए विचार कर रहा है।
इस प्रोग्राम के अंतर्गत पूरे वर्ष को दो कैटेगरी एफए और एसए में बांटा गया है, जिससे विद्यार्थियों को पास होने के लिए पूरे साल में 100 अंक हासिल करने होते हैं। अप्रैल से मई तक के लिए एफए1, जुलाई-अगस्त एफए2, सितंबर एसए1, अक्टूबर-नवंबर एफए3, जनवरी-फरवरी एफए4 और मार्च में एसए2 के तहत एक्टिविटीज होती है। सितंबर में होने वाली एसए1 और मार्च में होने वाली एसए2 एक्टीविटीज के लिए विद्यार्थियों को 30-30 अंक मिलते हैं, जबकि बाकी एक्टीविटीज के लिए 10-10 अंक निर्धारित है।
अभी विचार-विमर्श चल रहा है
"सीबीएसईने अभी इसके लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया है, लेकिन इस पर विचार-विमर्श चल रहा है।''-- वर्षाराणा, प्रधानाचार्य सेंट सोफिया सीनियर सेकंडरी स्कूल हिसार
अभिभावक और विद्यार्थी कहते हैं, प्रोग्राम अच्छा, पर तनाव देता है
अर्बनस्टेट निवासी अंजलि का कहना है कि यह प्रोग्राम अच्छा है, लेकिन जिस तरह परीक्षा के समय विद्यार्थी तनाव में जाते हैं उसी प्रकार इस प्रोग्राम से पूरे साल विद्यार्थी तनाव में रहते हैं। आजाद नगर की रहने वाले अरुण शर्मा का मानना है कि इस प्रोग्राम के लागू होने के बाद विद्यार्थियों में वार्षिक परीक्षाओं को लेकर कोई कंपीटिशन नहीं रहा। सिलेबस को लेकर भी वह गंभीर नहीं होते। कक्षा दस की छात्रा रक्षिता का कहना है कि सीसीई प्रोग्राम से पूरे वर्ष पढ़ाई का दबाव रहता है। ऐसे में मानसिक बढ़ जाता है। db
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