** अध्यापक संघ ने कहा-हरियाणा शिक्षा विभाग छुट्टी के दिनों में भी कर रहा है कार्यक्रम
जींद : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा शिक्षा विभाग के उस निर्णय का कड़ा विरोध करेगा, जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के नाम पर स्कूल कैलेंडर से बार बार छेड़छाड़ की जा रही है।
जिला सचिव वेदपाल रिढ़ाल ने अध्यापक भवन में हुई बैठक के दौरान कहा कि सरकार शिक्षा में सुधार हेतु बिना ठोस और दीर्घकालिक नीतियां बना वाहवाही लूटना चाह रही है। अध्यापकों को रोज नए नए फरमानों का सामना करना पड़ रहा है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रम अपने उद्देश्य में तभी सफल होंगे। जब सरकार लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाए। शिक्षा विभाग ने हरियाणा में स्कूलों के मर्जर के नाम पर सैंकड़ो कन्या विद्यालयों को बंद कर दिया है तो गरीब की बेटी कैसे पढ़ेगी। विभागों का निजीकरण किया जा रहा है जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य परिवहन जैसी जन सुविधाएं आम आदमी से दूर होती जा रही हैं। राज्य कोषाध्यक्ष महताब सिंह मलिक के अनुसार शिक्षा विभाग केवल एक प्रयोगशाला बनकर रह गया है।
जिला प्रधान चांदबहादुर ने कहा की सरकार अगर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है तो पहले सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए, नए कन्या विद्यालय खोले जाएं, शहरों में पढ़ने आने वाली लड़कियों के लिए नि:शुल्क परिवहन सुरक्षा उपलब्ध करवाए।
कार्यक्रमों का किया जाएगा बहिष्कार
जिला प्रधान ने सरकार के उस निर्णय की भी कड़ी आलोचना की जिसमें रविवार अन्य अवकाश के दिनों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सरकार एक ओर तो 22 जनवरी के कार्य दिवस को समाप्त करके अपने कार्यक्रमों में भीड़ बढ़ा रही है वहीं 25 जनवरी को रविवार के दिन भी अध्यापकों छोटे छोटे बच्चों को इतनी ठंड में बुलाया जा रहा है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ इसका कड़ा विरोध करता है। अगर सरकार ने इसी प्रकार स्कूल कैलेंडर से छेड़छाड़ जारी रखी तो अध्यापक संघ अवकाश के दिनों में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों का बहिष्कार करने से पीछे नहीं हटेगा। db
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