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Wednesday, 21 January 2015

परीक्षा रद हुई तो हर परीक्षार्थी को भरना होगा जुर्माना : शिक्षा बोर्ड

** नकल पर नियंत्रण के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का कड़ा कदम
** सम्बन्धित स्कूल को भरनी होगी प्रति छात्र 100 रुपये जुर्माना राशि
** निरीक्षण में गैर हाजिर मिले बच्चे तो स्कूल पर साढ़े तीन लाख तक जुर्माना
** परीक्षा केंद्र की सिक्योरिटी मनी भी बढ़ाई गई, अब तीस हजार देने होंगे
** बीस अंकों के इंटरनल असेसमेंट में ग्रेस का प्रावधान खत्म कर दिया गया है
भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रदेश में नकल विहीन परीक्षा कराने की लगातार कसरत कर रहा है। किसी सेंटर पर नकल अथवा बाह्य हस्तक्षेप के कारण परीक्षा रद हुई तो बोर्ड अब जुर्माने की ‘चाबुक’ चलाएगा। परीक्षा रद होने वाले स्कूल से सौ रुपये प्रति परीक्षार्थी प्रति सब्जेक्ट जुर्माना वसूला जाएगा। उस परीक्षा केंद्र की सिक्योरिटी मनी भी जब्त होगी। ‘दाखिला कहीं और इम्तिहान कहीं’ तर्ज पर चलने वाले स्कूलों पर नकेल डालने की ‘बहादुरी’ भी शिक्षा बोर्ड ने दिखाई है। निरीक्षण में बच्चे गैर हाजिर मिले तो बोर्ड एक लाख से साढे़ तीन लाख रुपये जुर्माना ठोकेगा और तीसरी जांच में भी कोई स्कूल दोषी पाया गया तो संबद्धता खत्म की जाएगी।
लंबे अरसे के बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा की शुचिता के लिए कई कड़े फैसले लिये हैं। सबसे महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है कि नकल और बाहरी हस्तक्षेप की वजह से अगर परीक्षा केंद्र रद होता है तो उस स्कूल पर भारी जुर्माना लगेगा, जिसके बच्चे उक्त केंद्र पर पेपर दे रहे हैं। बोर्ड ने परीक्षा केंद्र की सिक्योरिटी मनी 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार करने का भी निर्णय लिया है।
डमी एडमिशन पर लगेगी रोक
एडमिशन कहीं और परीक्षा किसी और स्कूल में, इस गोरखधंधे को रोकने के लिए बोर्ड नियमित रूप से स्कूलों का औचक निरीक्षण करेगा। पहली दफा निरीक्षण में यदि 20 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे गैर हाजिर मिलते हैं तो एक लाख जुर्माना लगेगा। गैर हाजिरी का प्रतिशत यदि 50 रहता है तो जुर्माना राशि डेढ़ लाख रुपये हो जाएगी। दूसरी बार औचक जांच में भी बच्चे स्कूल में नहीं मिले तो जुर्माना राशि बढ़कर क्रमश: तीन लाख और साढ़े तीन लाख हो जाएगी। तीसरी बार भी ऐसी स्थिति रही तो स्कूल की संबद्धता निरस्त होगी। बीते 13 जनवरी को चंडीगढ़ में हुई शिक्षा बोर्ड की बैठक में इन फैसलों को अनुमोदन मिल जा चुका है।
परीक्षा ड्यूटी का मानदेय बढ़ाया
शिक्षा बोर्ड में कार्यरत हारट्रोन के लगभग सौ कर्मचारियों को भी अब परीक्षा मानदेय मिलेगा। बोर्ड ने परीक्षा ड्यूटी देने वाले हारट्रोन कर्मचारियों को 150 रुपये प्रतिदिन मानदेय देने का निर्णय लिया है। उड़न दस्तों में तैनात रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारियों का मानदेय 150 से बढ़ाकर 350 रुपये प्रतिदिन किया है।
मॉडरेशन का ‘चोर दरवाजा’ हुआ बंद
पिछले चार साल के दौरान से मॉडरेशन के नाम पर परीक्षार्थियों को भारी-भरकम ग्रेस देने वाले शिक्षा बोर्ड ने अब इस ‘चोर दरवाजे’ को हमेशा के लिए बंद कर दिया है। बोर्ड ने एडहॉक आधार पर दी जाने वाली ग्रेस (मॉडरेशन) परंपरा खत्म करने का निर्णय लिया है। परीक्षार्थी को नियमानुसार अधिकतम एक प्रतिशत ग्रेस मिल सकेगी।
एफिलिएशन माइग्रेशन के लिए एनओसी जरूरी
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सीबीएसई जाने वाले स्कूलों के लिए बोर्ड से एफिलिएशन माइग्रेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय उन स्कूल संचालकों पर शिकंजा कसने के लिए लिया है जो दोनों हाथ में लड्डू रखना चाहते हैं। बाद में बच्चों और बोर्ड के लिए सिरदर्द बनते हैं। बोर्ड ने संबद्धता व रिन्यूअल के लिए 15 मार्च डेडलाइन रख दी है।
माइग्रेशन नियम भी बदले
शिक्षा बोर्ड ने स्कूल माइग्रेशन के लिए नियमों में कुछ बदलाव किया है। साल में माइग्रेशन के सीमित अवसर थे, अब पहले सेमेस्टर में 15 जुलाई और दूसरे सेमेस्टर में 15 दिसंबर तक स्कूल प्राचार्य से माइग्रेशन लिया जा सकता है। इन तारीखों के एक माह बाद यानि 15 अगस्त और 15 जनवरी तक असिस्टेंट डायरेक्टर यह सर्टिफिकेट जारी कर सकता है।                                                      au

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