** सीएम ने दिया सर्व कर्मचारी संघ को आश्वासन, संघ ने दिया अलग वेतन आयोग का सुझाव
** सीएम ने कहा, सभी जायज मांगों पर किया जाएगा विचार
चंडीगढ़ : हरियाणा में वित्तीय संकट झेल रही भाजपा सरकार के सामने कर्मचारियों को पंजाब के बराबर वेतनमान देना चुनौती बन गया है। चुनावी घोषणा पत्र में किया गया वादा निभाने के लिए सरकार को कोई न कोई ठोस निर्णय लेना पड़ेगा। फिलहाल कर्मचारियों ने सरकार के सामने पंजाब के समान वेतन की मांग दोहरा दी है। सरकार को हरियाणा के लिए अलग से वेतन आयोग गठित किए जाने की सलाह भी दी है, क्योंकि पंजाब में पहले ही इस तरह का आयोग बना हुआ है।
सर्व कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग रख दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी सरकार का ही हिस्सा हैं, इसलिए उनकी सभी जायज मांगों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के लिए राज्य का व्यापक हित सबसे ऊपर है, इसलिए कोई भी फैसला राज्य के व्यापक हित को देखते हुए लिया जाएगा। पंजाब के समान वेतन देने का वादा बीजेपी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में किया था लेकिन, तीन महीने बीत जाने के बावजूद इस पर कुछ नहीं हुआ। इसी दौरान इस मुद्दे पर सरकार के मंत्रियों की तरफ से अलग-अलग बयानबाजी हुई थी। इससे कर्मचारी वर्ग बेचैनी महसूस कर रहा था।
संघ की मुख्यमंत्री के साथ यह पहली अनौपचारिक बैठक थी। संघ अब 25 तारीख को रोहतक में अपनी रणनीति बनाएगा। कर्मचारियों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर कर्मचारियों के तबादले नहीं हो रहे हैं। बिजली व तकनीकी कर्मचारियों के तबादलों में भी सरकार का रुख लचीला रहेगा मुख्यमंत्री ने इस दौरान नई तबादला नीति बनाने का भी संकेत दिया। dt
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