पहले डीईओ को अधिकार था कि वह किसी शिक्षक को जिले के भीतर कहीं भी नियुक्त कर सकता है। मगर अब यह अधिकार निदेशालय ने छीन लिया है। किसी शिक्षक को इधर से उधर करने के लिए निदेशालय से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए युक्तियुक्त कारण भी बताना होगा।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादले संबंधी तीन व्यवस्थाएं बनाई हुई हैं। एक व्यवस्था के मुताबिक विधिवत रूप से तबादला कर दिया जाता था। दूसरी व्यवस्था प्रतिनियुक्ति की है। प्रतिनियुक्ति में नाम कहीं दर्ज रहता है और डयूटी दूसरी जगह दी जाती है।
ये दोनों नियुक्तियां निदेशालय से तय होती थी। इसके अलावा जिला अधिकारी को आंतरिक व्यवस्था के तहत तबादले का अधिकार था। मगर इसके लिए शर्त ये थी कि अधिकारी शिक्षक को जिले के भीतर ही रख सकता था। मगर अब तीनों अधिकार निदेशालय के पास रहेंगे। कुछ दिन पहले ही निदेशालय से आदेश आए थे कि प्रदेश में सभी प्रतिनियुक्ति रद होनी चाहिए। इसके बाद सवाल उठा कि आंतरिक व्यवस्था और प्रतिनियुक्ति में फर्क समझा जाए या नहीं। इसको लेकर शिक्षक उलझन में थे। अब ताजा आदेश मिलने से स्थिति स्पष्ट हो गई है।
डीईओ करते थे मनमानी
पहले आंतरिक व्यवस्था के नाम पर शिक्षकों को कहीं भी लगा दिया जाता था। शिक्षक अपनी इच्छानुसार जगह चुनते। इसके बाद किसी नेता से सिफारिश लगवाकर डीईओ से नियुक्ति करवा लेते। कई शिक्षक तो इसी तरीके से मौज करते रहे। अधिकारी भी आंतरिक व्यवस्था के नाम पर मनमानी करते थे। शिक्षकों को परेशान करने के लिए कई बार जानबूझ कर उठा पटक करते रहते थे। मगर अब यह पावर छिन चुकी है।
लंबी होगी अब प्रक्रिया
पहले जिला अधिकारी के एक आदेश पर शिक्षक को एक जगह से दूसरी जगह भेज दिया जाता था। मगर अब यह प्रक्रिया लंबी भी होगी। जिला अधिकारी कारण बताते हुए प्रस्ताव भेजेंगे। निदेशालय से तय होगा कि किसी शिक्षक को दूसरी जगह लगाया जाए या नहीं। इस काम में समय भी लगेगा।
इससे सुधरेगी व्यवस्था: डीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी एवं कार्यकारी शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा का मानना है कि अब व्यवस्था सुधरेगी।
अब न तो जिला स्तरीय अधिकारी मनमानी कर सकेंगे और न ही शिक्षक गलत फायदा ले सकते। यहां कार्यालय की ओर से पत्र भेजा जाएगा। फिर इस बारे में निदेशालय मंजूरी देगा। यह एक बहुत ही अच्छा फैसला है। djftbd
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.