** सीबीएसई का उद्देश्य, पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक हो विद्यार्थी, स्कूल संचालकों से मांगी जा रही है पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी
हिसार : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन के स्कूलों के विद्यार्थियों में स्वास्थ्य जागरूकता लाने के लिए अब योग क्रियाएं सिखाई जाएंगी। सीबीएसई अपने स्कूलों में योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी में है। अंतिम निर्णय लेने से पहले स्कूलों संचालकों से योग विषय के पाठ्यक्रम को जानकारी मांगी जा रही है। लगातार पढ़ाई के बोझ के कारण विद्यार्थियों पर अक्सर मानसिक दबाव रहता है। विद्यार्थियों को तनावमुक्त करने और शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए मौका नहीं मिल पाता।
अब सीबीएसई विद्यार्थियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए पाठ्यक्रम में योग सब्जेक्ट को शामिल करेगा। बोर्ड का मानना है कि इससे विद्यार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी मिलती रहेगी। साथ-साथ विद्यार्थियों को यह भी पता चलेगा कि किन योगासनों से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और कैसे शरीर को स्वास्थ्य रखा जा सकता है। योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए सीबीएसई ने स्कूलों से इसके बारे में जानकारी मांगी है। बोर्ड जानना चाहता है कि स्कूल संचालक योग विषय के बारे में क्या राय रखते हैं।
सीबीएसई ने शुरुआती चरण में योग विषय को कक्षा 6-10 तक के पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की है। कक्षा 3-5 तक भी योग की क्लास लगाई जाएगी। सीबीएसई का मानना है कि बड़े बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करने के बाद उसका रुझान देखा जाएगा, जिसके बाद ही छोटी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में भी योग को शामिल कर दिया जाएगा।
आगामी सत्र से उम्मीद
" योग सब्जेक्ट के लिए जानकारी मांगी जा रही है। सीबीएसई की यह एक अच्छी पहल है। उम्मीद है कि नए सत्र में योग सब्जेक्ट को पाठ्यक्रम में शामिल कर दिया जाए।'' --वर्षाराणा, प्रधानाचार्य,सेंट सोफिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हिसार
वैकल्पिक पर संशय
सीबीएसई की इस पहल पर अभी संशय बना हुआ है कि योग के पाठ्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए जरूरी किया जाएगा या फिर इसे विकल्प के तौर पर विद्यार्थी चयन कर सकेंगे। फिलहाल स्कूल संचालकों की तरफ से मिले रुझान के बाद इसका फैसला लिया जा सकता है। db
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