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Saturday, 17 January 2015

सरकारी स्कूल 925, बजट 53. 5 लाख, एक स्कूल को सिर्फ 5 हजार

** शिक्षा विभाग : डी-प्लान का बजट ऊंट के मुंह में जीरा
हिसार : सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए डी-प्लान के तहत मंजूर बजट राशि स्कूलों की संख्या की तुलना में ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। बजट में स्कूल की मरम्मत तो दूर एक शौचालय भी बन जाए तो गनीमत है। जिले में प्राइमरी स्कूल 560, मिडिल स्कूल 98 और सीनियर सेकंडरी स्कूल 130 हैं। इसके अलावा 137 हाईस्कूल हैं। अधिकतर प्राइमरी स्कूलों की हालत देखें तो किसी में शौचालय हैं तो किसी में जर्जर हालत के कारण होना होना बराबर है। स्कूलों की दशा भी कुछ अच्छी-खासी नहीं है। स्कूलों की अव्यवस्थाएं सुधारने के लिए शिक्षा विभाग को डी-प्लान के अंतर्गत 53 लाख पचास हजार का बजट स्वीकृत हुआ है, जिससे तमाम कार्य किए जाएंगे, लेकिन स्कूलों की संख्या और बजट का बंटवारा किया जाए तो एक स्कूल के हिस्से में लगभग साढ़े पांच हजार रुपये आते हैं। 
एक शौचालय की अनुमानित लागत 
स्कूलों में शौचालय निर्माण की अनुमानित धनराशि का आंकलन करें तो वह भी पांच हजार से ज्यादा है। एक शौचालय का निर्माण करने में लगभग तीन से चार दिन लगते हैं, जबकि मिस्त्री और मजदूरी का एक दिन का खर्च लगभग 800 रुपये हैं। ऐसे में यदि चार दिन में शौचालय का निर्माण होता है तो करीब तीन हजार से ज्यादा रुपये उसे बनाने में ही खर्च हो जाएंगे। इसके अलावा ईंट, रोडी, सीमेंट और अन्य सामग्री इससे अलग है।क्या है स्कूलों में सबसे अधिक समस्याएं 
सरकारी स्कूलों की स्टेटस रिपोर्ट विभागीय अधिकारियों को दी जाती है। इसके बाद बीडीओ समेत अन्य अधिकारियों की संस्तुति पर उसे प्रशासन को भेजा जाता है। पिछले कुछ दिनों में प्रशासन को भेजी गई सूची में स्कूलों में सबसे अधिक समस्याएं मरम्मत कार्य और शौचालय की मिली।
"डी-प्लान के अंतर्गत मिले बजट से स्कूलों में कार्य कराएं जाएंगे। पहले उन्हीं कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी जरूरत है। प्रशासन के पास कुछ स्कूलों की सूची उपलब्ध है, बाकी जानकारी मंगाई जा रही है। '' -राजनारायण कौशिक, अतिरिक्तउपायुक्त हिसार। 
अगले सप्ताह बजट मिलने की उम्मीद 
53 लाख पचास हजार का बजट स्वीकृत होने के बाद अब उसकी धनराशि आवंटित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह बजट की धनराशि मिल जाए, जिसके बाद स्कूलों में कार्य कराने के लिए पंचायत, बीडीओ, सरपंच या एक्सईएन पब्लिक हेल्थ को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।                         db

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