यमुनानगर : हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ सम्बंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने मांग की कि शिक्षा निदेशालय रिइम्प्लायमेंट बारे मार्गदर्शन करे और इसे पुन: चालू करते हुए सेवानिवृत्ति की आयु बारे भी पुनर्विचार किया जाये। यह कहना है संघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन, चेयरमेन कुलभुषण शर्मा का।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में सेवानिवृत्ति की आयु अठावन वर्षों से साठ वर्ष करना कर्मचारी संगठनों के लम्बे संघर्ष का परिणाम थी। परन्तु हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के बाद जल्दबाजी में इस निर्णय को पलट कर सरकार ने लाभान्वित कर्मचारियों को घर बिठा दिया और उन्हें केस भेजने तक का भी मौका नहीं दिया, इसलिए सेवानिवृत्ति की आयु बारे केंद्र की तरह हरियाणा सरकार भी पुनर्विचार करे।
इस मामले से सम्बंधित निर्णय माननीय हाईकोर्ट में रिजर्व रखा है। केंद्र व दिल्ली के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु न घटाये जाने बारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बाद हरियाणा सरकार को भी अपना फैसला वापिस लेते हुए हरियाणा में सेवानिवृत्ति की आयु अठावन वर्षों से साठ वर्ष कर देनी चाहिए।
संघ के मुख्य सलाहकार जयदेव आर्य, प्रांतीय सचिव संजीव मन्दोला व रविंदर राणा ने बताया कि दिल्ली, हिमाचल, गुजरात, पंजाब व यूपी प्रान्तों मे भी सेवानिवृत्ति की आयु साठ वर्ष ही है। यदि सरकार युवाओं को रोजगार देने के तर्क से आयु घटाने का विचार कर रही है, तो यह जानना बहुत जरूरी होगा कि प्रांत मे अभी भी लाखों पद रिक्त पड़े हैं। उन पर नियुक्ति करके युवाओं को रोजगार प्रदान कर सकती है।
सरकार को चाहिए कि अठावन की आयु पर स्वेच्छा से रिटायर होने की शर्त के साथ इस आयु को साठ वर्ष ही रखे और कर्मचारियों की लंबित मांगों को भी सुलझाये। जोनल सचिव नरेंद्र राणा व उपप्रधान साहिब सिंह ने बताया कि नवम्बर और दिसम्बर महीने में हरियाणा में हजारो अध्यापक रिटायर हुए और चालीस हज़ार पद पहले से रिक्त पड़े हैं और रिइम्प्लायमेंट भी बंद कर दी है। दो महीने से रिटायर अध्यापकों को न पेंशन मिली और न ही पिछला वेतन मिला है व 31 मार्च तक जो रिइम्प्लायमेंट मिला करता था, उस से भी वंचित हो गए हैं।
संघ ने मांग की कि शिक्षा निदेशालय रिइम्प्लायमेंट बारे मार्गदर्शन किया जाये और इसे पुन: चालू करते हुए सेवानिवृत्ति की आयु बारे भी पुनर्विचार किया जाये। dt
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