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Saturday, 17 January 2015

रेशनेलाइजेशन के विरोध में अध्यापकों का प्रदर्शन

भिवानी : सरकार के आदेश पर शिक्षा विभाग की नयी रेशनेलाइजेशन नीति पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने विरोध जताया है। अध्यापकों ने शिक्षा के निजीकरण का आरोप लगाते हुए नयी नीति बंद न करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। संघ का आरोप है कि नयी नीति से शिक्षा का स्तर गिरेगा और नयी नियुक्तियों पर रोक लगेगी।
उन्होंने कहा कि नयी नीति के तहत प्रदेशभर में जेबीटी के 40 हजार शिक्षकों को इधर से उधर किया जाएगा। इसके विरोध में भिवानी में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने विरोध प्रदर्शन कर आपत्ति जताई है।
संघ ने भिवानी के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन और नारेबाजी की। अध्यापक संघ ने सरकार पर पर शिक्षा के नीजिकरण करने व नई भर्तियों व नियुक्तियो को रोकने का बहाना बनाने का भी आरोप लगाया है और नीति बंद न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
संघ का आरोप है कि सत्र के बीच में तबादलों से शिक्षा प्रभावित होगी और इस नई नीति के तरह आरटीई के नियम भी बदली किए जा रहे हैं, जिससे अब पहले की बजाय छात्रों की संख्या अधिक व अध्यापकों की संख्या कम हो जाएगी। अध्यापक नेताओं ने कहा है कि सरकार अगर शिक्षा विरोधी रवैया अख्तियार करती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
फतेहाबाद : रेशनलाइजेशन के विरोध में फतेहाबाद के अध्यापकों ने आज हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सम्बंधित सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर रोष प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन की अध्यक्षता खंड प्रधान सुरजीत सिंह दुसाद ने की व संचालन सचिव सुमेर आर्य ने किया। धरने को संबोधित करते हुए राज्य कमेटी सदस्य राजपाल मित्ताथल व कैलाश माचरा ने कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण कर रही है। रेशनलाइजेशन के अव्यवहारिक तौर तरीके अपनाकर निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसे अध्यापक संघ किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा।
शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन
लोहारू : शिक्षा विभाग में रेशनलाइजेशन के विरोध में शुक्रवार को शिक्षकों ने शिक्षामंत्री के नाम ज्ञापन खंड शिक्षा अधिकारी नौरंगलाल यादव को सौंपा। इससे पूर्व उन्होंने खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बैठक करके विरोध प्रदर्शन भी किया। सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई कि शिक्षा विभाग रेशनलाइजेशन अब सत्र के मध्य में करने की बजाए अप्रैल में करे। इसके लिए छात्र संख्या का आधार 31 दिसंबर की बजाए 30 सितंबर को लिया जाए। प्री प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को भी पाठशाला की छात्र संख्या में जोड़ा जाए। प्रत्येक कक्षा और सेक्शन को शिक्षक दिया जाए। रेशनलाइजेशन के लिए शिक्षकों ने सरकार को अपनी ओर से तालिकापूर्ण सुझाव भी सौंपा। इसके अलावा उन्होंने प्रत्येक पाठशाला में मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत करने तथा वर्ष में दो बार शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी करने की मांग की। राजपत्रित अवकाशों पर कार्य दिए जाने को छेड़छाड़ बताते हुए शिक्षकों ने कहा कि विद्यालय के नियमानुसार संचालन में बाधा न डाली जाए।                       dt

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