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Friday, 11 August 2017

कैसे होंगे बच्चे पास जब प्रिंसिपल हो गए फेल

** प्रमोट हुए प्राचार्यों की हुई थी ट्रेनिंग, एडीसी ने लिया टेस्ट तो किया निराश
हिसार : स्कूलों में बेहतर शिक्षा और अन्य सुविधाओं को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने का पूरा जिम्मा प्राचार्य के कंधों पर होता है। ऐसे में प्राचार्यो से अपेक्षा की जाती है कि वह उस जिम्मेदारी को उठाने में सक्षम हो। मगर असलियत में स्कूल के ये मुखिया कितने सक्षम है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये एक छोटी सी परीक्षा भी पास नहीं कर सके। ये हालात भी तब है, जब उन्हें परीक्षा से पहले पूरी ट्रेनिंग दी गई। इस परिणाम को देखकर तो एक आइएएस अधिकारी ने इन शिक्षकों की योग्यता पर ही सवाल उठा दिए है। अधिकारी का कहना है कि क्या ऐसे शिक्षक स्कूलों की जिम्मेदारी ठीक ढंग से संभाल पाएंगे।
हुआ यूं कि कुछ माह पहले जिले के 40 टीचरों को प्राचार्य पद के लिए प्रमोट किया गया था। एप्लीकेशन रिसीव, डिस्पेच, डाक से आने वाली चिठ्ठी, शिक्षकों की सैलरी, स्कूल के दस्तावेज संबंधित सभी रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए इन प्राचार्य को ट्रेनिंग दी गई थी। यह ट्रेनिंग 2 से 4 अगस्त तक चली। अतिरिक्त उपायुक्त एएस मान ने ट्रेनिंग खत्म होने के बाद सभी प्राचार्यों का 15 नंबर का टेस्ट लिया। जब परीक्षा परिणाम आया तो 20 प्राचार्य तो 50 फीसद अंक भी भी प्राप्त नहीं कर सके। 
साढ़े तीन से सात अंक पर अटके 
परीक्षा परिणाम में 20 प्राचार्य साढ़े तीन से सात अंक के बीच में ही अटक गए। यह परिणाम देखने के बाद एडीसी भी हैरानी में पड़ गए। 1उनका तर्क था कि ट्रेनिंग देने के बावजूद भी जो प्राचार्य परीक्षा परिणाम में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए तो वे स्कूलों में जाकर किस प्रकार व्यवस्था को संभाल पाएंगे। ऐसे में सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा की कल्पना न के बराबर है। 
योग्यता पर उठे सवाल 
इस परीक्षा के बाद से प्रमोट हुए प्राचार्यो की योग्यता पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्योंकि सरकारी स्कूल वैसे भी बेहतर परीक्षा परिणाम न देने के कारण एक बड़ा मुद्दा बने हुए हैं। अब इन स्कूल के प्राचार्य भी छोटी-छोटी परीक्षाओं में फेल हो रहे हैं। जिस कारण सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली शक के घेरे में है। 
"तीन दिन की ट्रेनिंग के बाद 40 प्राचार्यों की परीक्षा ली थी। 50 फीसद प्राचार्यो का परिणाम निराशाजनक रहा। अब असफल हुए प्राचार्यों की दोबारा से ट्रेनिंग करवाई जाएगी।"-- एएस मान, अतिरिक्त उपायुक्त।

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