फतेहाबाद : 15 अगस्त के बाद बड़े स्तर पर जन सेवा सर्वे शुरू होने जा रहा
है। सर्वे को लेकर राजस्व कार्यालयों को जिम्मा सौंपा गया है। सक्षम युवाओं
को जन सेवा सर्वे में शामिल किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद लक्ष्य के
मुताबिक कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं।1 सर्वे में शिक्षकों को भी शामिल करने
का प्रयास किया जा रहा है लेकिन शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। शिक्षा
विभाग ने सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि जिस
स्कूल में स्टाफ की संख्या चार से कम है वहां के स्टाफ को जन सेवा सर्वे
में शामिल नहीं किया जाएगा।
जन सेवा सर्वे में प्रत्येक घर में जाकर
टेबलेट के माध्यम से सदस्यों का फार्मेट भरा जाएगा। बताया जा रहा है कि
फार्मेट में कम से कम 90 प्वाइंट हैं। 1सर्वे में सक्षम युवाओं को शामिल
किया गया है। इन सक्षम युवाओं के साथ रेगुलर स्टाफ की भी डयूटी लगेगी।
शिक्षकों को भी जन सेवा सर्वे में शामिल किया जाएगा।
लेकिन विभाग साथ में
ये भी लेकर चल रहा है कि जिन स्कूलों में स्टाफ की पहले से कमी है, उन्हें
सर्वे में शामिल न किया जाए ताकि काम प्रभावित न हो सके। इसलिए विभाग ने
स्पष्ट कर दिया है कि स्कूल में कम से कम 4 शिक्षकों का स्टाफ होना चाहिए।
अगर स्टाफ कम है तो उस स्कूल के स्टाफ को सर्वे में शामिल न किया जाए।
जनसेवा से कतरा रहे सक्षम युवा
जन सेवा सर्वे में करीब 70 फीसदी सक्षम
युवाओं को शामिल किया जा रहा है। लेकिन फील्ड में जाकर सक्षम युवा सर्वे
करने से कतरा रहे हैं। जन सेवा सर्वे से जुडे सक्षम युवा डयूटी कटवाने के
लिए आवेदन कर रहे हैं। इसके अलावा डयूटी कटवाने के लिए सिफारिशों का दौर भी
चल रहा है।
"शिक्षा विभाग मुख्यालय से पत्र मिला है जिसके अनुसार स्पष्ट
किया गया है कि जन सेवा प्रोजेक्ट में चार से कम स्टाफ वाले स्कूल के
शिक्षकों को शामिल नहीं किया जाएगा। ताकि शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो
सके। इसके अलावा कितना स्टाफ चाहिए अभी ये स्पष्ट नहीं है।"-- दयानंद सिहाग ,
जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद
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