फतेहाबाद : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा का दावा कर रही
सरकार खुद के बनाए नियमों में ही खरा नहीं उतर पा रही है। शिक्षा की
गंभीरता को लेकर शुरू की गई गई योजनाएं जमीनी स्तर पर पूरी नहीं हो रही
हैं। स्कूलों में सभी विद्यार्थियों को किताबें न मिलने का मुद्दा अभी तक
बना हुआ है। इधर स्कूलों में शिक्षकों को साढ़े चार महीने बाद भी दैनिकी
डायरी नहीं मिल पाई है। दैनिकी डायरी पूरी किए बिना शिक्षकों का वेतन नहीं
निकल सकता है लेकिन चार महीने से शिक्षकों का वेतन तो निकल रहा है लेकिन
अभी तक दैनिकी डायरी नहीं पहुंच पाई है। शिक्षकों को डायरी में प्रतिदिन
विद्यार्थियों को करवाए जाने वाले कार्य की रिपोर्ट लिखनी होती है। इसके
अलावा स्कूल में करवाई गई एक्टीविटी के बारे तथा विद्यार्थियों से जुड़ी
सभी जानकारियां भी डायरी में दर्ज करनी होती है। महीने के अंत में स्कूल
मुखिया लिखित में देता है कि डायरी पूरी है उसके बाद ही वेतन जारी होता है।
अध्यापक दैनिकी कक्षा एक से 12 तक के सभी पीजीटी, टीजीटी, पीआरटी,
सीएडंवी तथा गेस्ट टीचरों को दी जाती है। निदेशालय ने हाल ही में जिला
शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर 20 अगस्त तक शिक्षकें की संख्या के बारे
में जानकारी मांगी है। बताया जा रहा है कि अध्यापक दैनिकी 2017-18 का सत्र
शुरू होने के साढ़े चार माह बाद छपी है।
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