नई दिल्ली : शिक्षक प्रशिक्षण के बिना ही स्कूलों में पहली से
आठवीं तक के छात्रों पढ़ा रहे लोगों को सरकार ने दो वर्षो का समय दिया है।
इस अवधि में ऐसे प्रशिक्षण लेकर ऐसे शिक्षक योग्य बन सकते हैं। केंद्रीय
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी है।
जावड़ेकर
ने शुक्रवार को कहा, ‘जिन शिक्षकों ने डी. एल. एड. नहीं किया है, लेकिन
सर्व शिक्षा अभियान के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ा रहे
हैं, उन्हें दो वर्षो में योग्य बनने का अंतिम मौका दिया गया है।
लोकसभा
ने पिछले महीने एक विधायक पारित किया है। इस विधेयक में स्कूलों में पढ़ा
रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक का समय दिया गया है। इस अवधि
में ऐसे शिक्षक बी. एल. एड. (प्राथमिक शिक्षा में स्नातक) या डी. एल. एड
(प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा) की योग्यता हासिल कर सकेंगे। इस विधेयक में
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन किया गया है। यह मौका शिक्षकों
को अपनी नौकरी बचाने के लिए दिया गया है। अब इस विधेयक को राज्यसभा से
पारित किया जाएगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून हो जाएगा।
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