राजधानी हरियाणा : यूनिवर्सिटीऔर कॉलेजों में पढ़ाई में कमजोर छात्रों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। विश्वविद्यालयों के डीन छात्रों की समस्याओं पर निगरानी रखेंगे। उनकी समस्याओं का तय समयावधि में निiटारा किया जाएगा। परामर्श केंद्रों पर प्रशिक्षित काउंसलरों की सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। हॉस्टलों में केवल उन्हीं छात्र-छात्राओं को रहने की अनुमति होगी, जो वहां रहने के लिए अधिकृत हैं। ये व्यवस्थाएं इसलिए की जा रही हैं ताकि पढ़ाई में कमजोरी अथवा अन्य कारणों से छात्र-छात्राएं आत्महत्याएं कर सकें। सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में जस्टिस रूपांवल कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के निर्देश दिए हैं।
उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि कमेटी की सिफारिशों के तहत विश्वविद्यालय में एक ऐसा तंत्र तैयार करना चाहिए जहां विद्यार्थी अपनी अपील कर सकते हों। परामर्श केन्द्रों पर पेशेवर और प्रशिक्षित काउंसलर होने चाहिए जो छात्रों, अनुसंधानकर्त्ताओं और फैकल्टी के साथ-साथ नॉन-टीचिंग स्टाफ को भी सलाह दे सकें। सुपरवाइजर की अध्यक्षता में निगरानी समितियां भी गठित होनी चाहिए। यूजीसी नियमों के तहत एंटी डिस्क्रीमिनेशन अधिकारी की अध्यक्षता में समान अवसर सेल भी हो। ऑम्बुड्समैन की अध्यक्षता में एक शिकायत निवारण समिति हो।
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