** केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को मनीष सिसोदिया ने लिखा पत्र, नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म करने की सराहना की
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के फैसले पर हमेशा सवाल खड़ा करने वाली आप (आम
आदमी पार्टी) सरकार के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन
विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की पहल पर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले
की सराहना की है। उन्होंने इस बाबत बृहस्पतिवार को केंद्रीय मानव संसाधन
मंत्री को पत्र भी लिखा है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’
यानी कि आठवीं कक्षा तक किसी भी छात्र को फेल न करने की नीति समाप्त कर दी
है। मनीष सिसोदिया ने इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्र का शुक्रिया अदा
किया है।
उन्होंने कहा कि करीब ढाई वर्ष पहले उन्होंने शिक्षा के अधिकार
कानून में संशोधन करके नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने की गुजारिश की थी।
केंद्र सरकार ने अब जाकर फैसला लिया जो छात्र हित में है। बता दें कि
दिल्ली समेत कई दूसरे राज्य लगातार नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने की मांग
कर रहे थे जिसके तहत दिल्ली सरकार ने कानून में संशोधन करके केंद्र को
मंजूरी के लिए भी 2015 में ही भेज दिया था।दिल्ली सरकार का मानना था कि नो
डिटेंशन पॉलिसी की वजह से बड़ी समस्या नौवीं तथा दसवीं में आकर हो रही थी।
आठवीं तक बच्चे को बहुत गैर जिम्मेदारी से पढ़ाया जा रहा था। क्योंकि
शिक्षा का अधिकार कानून में नो डिटेंशन लागू था तो बच्चे को पढ़ाओ, न
पढ़ाओ उसको अगली क्लास में पहुंच ही जाना है। अचानक से जब नौवीं में
परीक्षा होती है तो बच्चा फेल हो जाता है। दिल्ली सरकार ने इस दिशा में
विशेष अभियान चलाया तो इसमें दो फीसद का सुधार हुआ। 1हालांकि सिसोदिया के
मुताबिक
यह पॉलिसी तो अच्छी थी लेकिन
इसको बिना तैयारी के लागू कर
दिया गया जो ठीक नहीं था। यह दुर्भाग्य है कि इतना बड़ा रिफॉर्म केंद्र
सरकार को वापस लेना पड़ रहा है। बीएड की परीक्षा, परीक्षा पैटर्न, किताब
पढ़ाने के तरीके बदलने की जरूरत थी लेकिन वह सब नहीं हुआ।
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