हिसार : अनपढ़ता का कलंक मिटाने के लिए साक्षरता अभियान के तहत 20 अगस्त को
परीक्षा ली जाएगी। इसमें करीब 50 हजार निरक्षरों को परीक्षा दिलवाकर
साक्षर बनाने की कवायद है। बता दें कि जिले में वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार
लाख के करीब निरक्षर थे। इन्हें साक्षर बनाने का प्रयास जारी है। पिछले
साल ने परीक्षा दी थी। इस बार लगभग 50 हजार परीक्षा देंगे। यह परीक्षा
जिले के तमाम सरकारी स्कूलों में ली जाएगी। इतना ही नहीं साक्षरता परीक्षा
का यह अंतिम मौका है। सरकार ने 31 मार्च 2017 तक निरक्षरता को खत्म करना था
लेकिन प्रेरकों को हटाने के कारण अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में बाधा
पैदा हो गई थी। इस तिथि को बढ़ा दिया गया है।
साक्षरता अभियान की जिला
मिशन कोऑर्डिनेटर अंजुला दहिया ने बताया कि मानव-संसाधन एवं विकास मंत्रलय
द्वारा भारत के हर गांव में 15 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्रत्येक निरक्षर को
साक्षर बनाने का अभियान है। यह साक्षरता-परीक्षा पूरे भारत में 20 अगस्त
2017 को होगी। हरियाणा के 10 जिलों में साक्षर भारत मिशन का कार्य चल रहा
है। दहिया के अनुसार बुनियादी साक्षरता परीक्षा का यह अंतिम अवसर है। इसका
उद्देश्य पूरे जिले को पूर्ण रूप से साक्षर बनाना है। बुनियादी साक्षरता
परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले नव-साक्षरों को नेशनल ओपन स्कूल द्वारा
प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।।
इस परीक्षा के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक
ग्राम-पंचायत के सबसे बड़े सरकारी स्कूल से एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त
किया गया है। इनके कंधे पर पूरे गांव में साक्षरता का दायित्व है। परीक्षा
का पंजीकरण गांव के स्कूल में ही निश्शुल्क होगा। इस परीक्षा में से अधिक
नव-साक्षरों का पंजीकरण करवाने तथा परीक्षा दिलवाने वाले नोडल अधिकारियों
को जिला व राज्य-स्तर पर प्रशंसा-पत्र से सम्मानित करवाया जाएगा। मानव
संसाधन एवं विकास मंत्रलय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बुनियादी
साक्षरता परीक्षा उत्तीर्ण करने के तुरंत बाद समतुल्यता कार्यक्रम के
माध्यम से कक्षा तीसरी, पांचवीं तथा आठवीं तक शिक्षा का अवसर भी मुहैया
करवाया जाएगा।
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