नई दिल्ली : मेडिकल के एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश की
राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) में सभी भाषाओं के प्रश्नपत्रों में समान
प्रश्न न होने पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई की खिंचाई की। कोर्ट
ने कहा कि नीट में सभी भाषाओं के प्रश्नपत्रों में समान प्रश्न होने
चाहिए। कोर्ट ने नीट मे सभी भाषाओं में समान प्रश्नपत्र पर सीबीएससी से
जवाब मांगा है। कोर्ट मामले में 10 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
ये
टिप्पणियां न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने नीट में अलग
अलग भाषाओं के प्रश्नपत्रों में अलग अलग प्रश्नों पर सवाल उठाने वाली
संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई के दौरान कीं। कोर्ट ने
सीबीएसई को नीट में सभी भाषाओं में समान प्रश्नपत्र के बारे में हलफनामा
दाखिल कर जवाब देने को कहा है। इससे पहले सीबीएसई की ओर से पेश एडीशनल
सालिसीटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि नीट 2017 में हंिदूी, अंग्रेजी और
प्रादेशिक भाषाओं के प्रश्नपत्र समान नहीं थे। वे अनुवाद नहीं थे, लेकिन उन
प्रश्नपत्रों में कठिनता का स्तर समान था। याचिकाकर्ता की वकील इंद्रा
जयसिंह ने कहा कि नियम के मुताबिक हंिदूी अंग्रेजी और प्रादेशिक भाषाओं के
प्रश्नपत्र समान होने चाहिए, जबकि नीट 2017 की परीक्षा में ऐसा नहीं था।
सभी भाषाओं में समान प्रश्न नहीं पूछे गए थे। इस पर पीठ ने कहा कि सभी
भाषाओं में समान प्रश्न होने चाहिए। अन्य भाषाओं में सिर्फ उनका अनुवाद
होना चाहिए। कोर्ट ने अगली नीट परीक्षा में समान प्रश्नपत्रों के बारे में
सीबीएसई से जवाब मांगा है। याचिका में नीट में सभी भाषाओं के प्रश्न पत्र
समान न होने पर नीट 2017 की परीक्षा रद करने की मांग की गई है।
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