सिरसा : स्वर्ग से आकर परीक्षा दी, साक्षर बने और लौट गए। जी हां, आरटीआइ से
मिली सूचना में साक्षर भारत मिशन के तहत ऐसा ही फर्जीवाड़ा सामने आया है।
गांव छतरियां निवासी आरटीआई कार्यकर्ता महावीर प्रसाद ने खंड बड़ागुड़ा व
गांव छतरियां में साक्षर भारत मिशन के तहत पास हुए लोगों की जानकारी आरटीआइ
के माध्यम से मांगी थी। 1इसके तहत जानकारी मांगी गई कि किन-किन लोगों ने
अध्ययन किया है और किसे पास किया गया है। संबंधित विभाग से जो जानकारी
मिली, वह चौंकाने वाली है। इसमें ऐसे लोगों के नाम दर्शाए गए हैं जो कई साल
पहले स्वर्ग सिधार चुके हैं। इनमें गांव छतरियां की एक महिला रुकमा देवी
जिसकी करीब 20 वर्ष पहले मौत हो चुकी है, उसे भी 120 अंकों के साथ पास
दर्शाया गया है। इसके अलावा तीन अन्य व्यक्ति भी इसी श्रेणी में शामिल हैं
जो वर्षों पूर्व मर चुके हैं।
मुख्यमंत्री से की विजिलेंस जांच की मांग :
आरटीआइ कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री से शिकायत कर इस मामले की जांच विजिलेंस
से करवाए जाने की मांग की है। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने
की मांग की है।
लिखित, मौखिक व अर्थमेटिक में 120 अंक हासिल
छतरियां निवासी मृतका रुकमा
देवी ने नियमित अध्ययन करते हुए लिखित, मौखिक व अर्थमेटिक की परीक्षा में
120 अंक हासिल दिखा उसे पास दर्शाया गया। महिला की मृत्यु करीब 20 वर्ष
पहले हो चुकी है। दूसरी महिला मीरा देवी को 16 अगस्त की परीक्षा में शामिल
दिखाकर 121 नंबर दिए गए हैं, जबकि महिला की मौत 22 अक्टूबर 2015 को हो चुकी
है। इसी प्रकार ताखी देवी जिसे 16 अगस्त की परीक्षा में शामिल दिखाकर 63
अंकों से पास किया गया, उसका देहांत 30 सितंबर 2013 को हो चुका है। मामकोरी
का निधन 6 अक्टूबर 2013 को हो चुका है और उसने भी 16 अगस्त की परीक्षा में
91 अंक प्राप्त किए हैं। इन सबसे तो यही प्रतीत हो रहा है कि सभी स्वर्ग
से आए, परीक्षा दी और पास होकर लौट गए होंगे।
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