** सीधे ट्रेजरी से जोड़ीं अस्पतालों की बायोमीटिक मशीन, एक अप्रैल से डायरेक्ट ट्रेजरी से मिलेगी कर्मियों की सैलरी
** बायोमीटिक हाजिरी समय पर नहीं लगाने पर देना होगा जवाब
हिसार : बायोमीटिक हाजिरी को लेकर अब डाक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही
उनकी सैलरी पर भारी पड़ेगी। अस्पतालों में सभी को बायोमीटिक हाजिरी को
गंभीरता से लेना होगा। क्योंकि प्रदेश सरकार ने इस हाजिरी मशीन को सीधे
ट्रेजरी से जोड़ दिया है। मशीन में यदि अंगुली सही नहीं लगी और हाजिरी समय
पर दर्ज नहीं हुई तो सीधी सैलरी कट जाएगी। ट्रेजरी के अंदर बायोमीटिक
हाजिरी को लेकर स्पेशल रिकॉर्ड अब सरकार रखेगी।
ऐसे में अस्पताल प्रशासन
द्वारा भेजा गए रिकॉर्ड का मिलान ट्रेजरी में किया जाएगा। यदि किसी प्रकार
की गड़बड़ी की आशंका नजर आती है संबंधित चिकित्सक व कर्मचारी की सैलरी को
रोक दिया जाएगा। सरकार की यह पॉलिसी एक अप्रैल से सभी सरकारी अस्पतालों पर
लागू हो जाएगी, जिसके के बाद अस्पताल प्रशासन को बायोमीटिक हाजिरी को
गंभीरता से लेना होगा।
सरकारी अस्पतालों में समय पर चिकित्सकों के समय पर
अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचने संबंधी शिकायतें लगातार सरकार को मिल रही थीं।
इसके अलावा कर्मचारियों पर भी कई आरोप विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रहे
थे। इसलिए सरकार ने चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों के
अस्पताल में समय पर पहुंचने और हाजिरी को गंभीरता से लेने को लेकर यह कदम
उठाया है। ट्रेजरी के पास सीधे बायोमीटिक हाजिरी रिकॉर्ड पहुंचने से सैलरी
कटने का डर सभी पर बना रहेगा। ऐसे में समय पर आने और जाने को लेकर गंभीरता
आएगी। चिकित्सकों के समय पर अस्पताल में मौजूद रहने से मरीजों को लाभ
होगा।
यह है मौजूदा सिस्टम
बायोमीटिक हाजिरी अस्पताल प्रशासन के अकाउंट
ब्रांच के पास जाती है। इससे पूर्व बायोमीटिक को लेकर बनाए गए नोडल अधिकारी
के पास पीएमओ और सीएमओ से पास होकर विभिन्न अपील हाजिरी दुरुस्त करवाने को
लेकर आती है। जो चिकित्सक या कर्मचारी विभिन्न कारणों से हाजिरी नहीं लगाए
पाए थे। अकाउंट ब्रांच से आलाधिकारियों के पास जाती है। उसके बाद ट्रेजरी
में सैलरी बनकर जाती है और वहां से पैसा जारी होती है।
"एक अप्रैल से
डायरेक्ट ट्रेजरी से हाजिरी सिस्टम जुड़ जाएगा। ट्रेजरी के पास भी
बायोमीटिक हाजिरी का रिकॉर्ड रहेगा। प्रदेशभर के अस्पतालों को लेकर सरकार
ने आदेश जारी कर दिए हैं।"-- विनोद डूडी, प्रेस प्रवक्ता, सिविल अस्पताल।
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