पानीपत : हरियाणा
के सरकारी स्कूलों में छात्रों के प्रवेश के लिए दिए जा रहे फॉर्म पर पूरे
प्रदेश में बवाल हो गया है। कारण यह है कि इसमें बच्चों के परिजनों से
उनके निजी सवाल पूछे जा रहे हैं। पूछा जा रहा है कि कहीं उनके माता-पिता
किसी अनक्लीन ऑक्युपेशन यानी गंदे पेशे से तो नहीं जुड़े हैं। इसके अलावा
इसमें जाति श्रेणी से लेकर आधार, अभिभावकों के व्यवसाय, पैन संख्या, बैंक
खातों का विवरण भी देने समेत कुल सौ काॅलम भरने को लेकर बवाल मच गया है।
इसके बाद स्थिति यह हो गई है कि प्रवेश उत्सव के तहत जो अध्यापक घर-घर जाकर
परिजनों से सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए आग्रह कर रहे हैं। परिजन
उन्हें खरी-खोटी सुनाने लगे हैं। इससे कुछ जगहों पर तो अध्यापक प्रवेश
उत्सव में भाग लेने से पीछे हटने लगे हैं। अंतत: स्कूल शिक्षा विभाग को
बुधवार देर शाम इसको लेकर स्पष्टीकरण देना पड़ गया। विभाग की तरफ से स्पष्ट
किया गया है कि इस फाॅर्म में कोई नई शर्त मौजूदा सरकार द्वारा नहीं जोड़ी
गई है और इसको लेकर बेवजह बवाल किया जा रहा है। इन सवालों पर आपत्ति
अभिभावकों में इस फॉर्म को लेकर रोष है और सवाल उठाया है कि वह स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए भेज रहे हैं। ऐसी खुद की डिटेल देने या ऐसी गैरजरूरी जानकारी देने के लिए नहीं, जिनका बच्चों का कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, प्रवेश उत्सव में घर-घर जा रहे अध्यापकों के पास इसके कोई जवाब नहीं है। अध्यापक परिजनों को सफाई दे रहे हैं कि वह सिर्फ ऊपर से मिले आदेशों का पालन कर रहे हैं। कुछ अध्यापकों का तो कहना है कि बदलाव सरकार ने किए हैं, लेकिन गांवों में उन्हें बेइज्जत होना पड़ रहा है। पूरा साल हमें संबंधित गांवों में पढ़ाना होता है और लोगों के मध्य रहना होता है और जब इस तरह के फाॅर्म लेकर उनके बीच जा रहे हैं, तो परिजन उन्हें उल्टा सीधा सुना रहे हैं। ट्वीट वार शुरू, कांग्रेस ने कहा-माफी मांगे भाजपा एडमिशन फाॅर्म को लेकर ट्विटर वार भी शुरू हो गया है। कोई इसे प्रदेश के लोगों के निजता के अधिकार का हनन बता रहा है तो कोई इसे सरकार की चालाकी बता रहा है। ट्विटर पर लोगों का कहना है कि यह जानकारी स्कूलों के रिकॉर्ड के लिए नहीं बल्कि सरकार लोगों की व्यक्तिगत जानकारी लेने के लिए इस तरह के काम कर रही है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के छात्रों व उनके माता-पिता से स्टूडेंट एडमिशन फाॅर्म नहीं, अभिभावकों और छात्रों का जासूसी फॉर्म भरवाया जा रहा है। नए एडमिशन के लिए 100 सवालों वाले एडमिशन फार्म में अपमानजनक बातों के लिए प्रदेश सरकार को छात्रों और उनके माता-पिता से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा सरकार को फाॅर्म को तुरंत वापस लेना चाहिए। अंतत: देनी पड़ी सफाई, सरकार ने कहा सब्सिडी लाभ के लिए किया बदलाव हरियाणा सरकार ने शाम को बयान जारी कर कहा कि बच्चों को सभी तरह के लाभ सीधे बैंक खाते में देने के लिए आधार नंबर और खाता मांगा जा रहा है। वहीं शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा है कि कांग्रेसी नेता अपने शासन के दौरान शुरू हुई योजनाओं पर भी सवाल उठाने लगे हैं। वर्ष 2011 में कांग्रेस शासन काल के दौरान शुरू हुई एक योजना के संबंध में एमआईएस फाॅर्म में मांगी गई जानकारी पर कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला का बयान उनकी मानसिकता को दर्शा रहा है। उन्होंने सुरजेवाला को याद दिलाया कि उन्हें 'अशुद्ध व्यवसाय' पर आपत्ति है, जो कांग्रेस शासन के दौरान एक जुलाई 2011 को योजना में उल्लेखित किया गया था और योजना में उल्लेखित समुदाय को ही लाभ देने की योजना तैयार की गई थी। वर्ष 2011 में केंद्र सरकार द्वारा अशुद्ध व्यवसाय मसलन मैला ढोना, चर्मकार आदि के बच्चों के उत्थान के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई थी। मैला ढोना निषेध होने के बाद अब केवल चर्मकार हरियाणा में इस योजना में आ रहे हैं। |
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News Update:
*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
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