सोनीपत : शिक्षा विभाग की गैर दूरदर्शिता का
खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से अब बजट
रिलीज करने के उपरांत डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य किए, लेकिन इस व्यवस्था को
लागू करने से पूर्व उसका अभ्यास नहीं किया गया। यही कारण है कि मार्च माह
का वेतन अभी तक शिक्षकों को नहीं मिल सका है। जिससे शिक्षक वर्ग में काफी
रोष है।
साल 2018-19 के लिए वेतन का बजट तो जारी हो चुका, लेकिन डिजिटल
हस्ताक्षर का अड़ंगे के चलते वेतन को रुका है। उन्होंने सरकार व विभाग के
उच्चाधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वेतन के मामले का प्राथमिकता के
आधार पर समाधान किया जाए, नहीं तो वे सड़क पर आने को मजबूर हो जाएंगे।
हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ के जिला प्रधान संजीव मोर का कहना है कि वे
आधुनिक व्यवस्था के विरोधी नहीं है, लेकिन इन व्यवस्था का अभ्यास वेतन
अदायगी से पूर्व किया जाना चाहिए, क्योंकि समय पर वेतन नहीं मिलने से
शिक्षक वर्ग को काफी परेशानी होती है। शिक्षक इस कुव्यवस्था के शिकार होने को मजबूर है। शिक्षकों का कहना है कि
इस महीने में बैंक या विभाग से लिए गए कर्ज की अदायगी भी कर्मियों को करनी
होती है। अगर यह अदायगी 10 तारीख तक नहीं की जाती है, तो इस पर पैनल्टी की
राशि देनी पड़ती है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.