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Friday, 6 April 2018

भर्तियों में घोटाला, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कर्मी इंटरव्यू में पास कराने की लेते थे मोटी रकम, नौ गिरफ्तार

** मेरिट में अच्छे अंक लाने वाले उम्मीदवारों को चिह्नित कर साक्षात्कार में पास कराने के लिए लेते थे पैसे 
** सीएम फ्लाइंग ने आयोग के आठ कर्मचारियों और जींद के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया 
** लाखों रुपये लेकर बदले गए परिणाम
** सीएम फ्लाइंग ने इन आठ कर्मचारियों को रंगेहाथ पकड़ा
** कई दिनों से सीएम फ्लाइंग के सर्विलांस पर थे रैकेटियर
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर बृहस्पतिवार को सीएम फ्लाइंग ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पंचकूला मुख्यालय पर ताबड़तोड़ छापे मारे और सरकारी नौकरियां लगवाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठने वाले आठ कर्मचारियों और दलालों को गिरफ्तार कर लिया। एक कर्मचारी जींद-नरवाना में पकड़ा गया है। 
सरकारी नौकरियां दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूलने वालों में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पंचकूला के कर्मचारियों व सहायकों के अलावा दूसरे विभागों में काम करने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनके आपस में कनेक्शन हैं। ये फोन पर आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पिछले कई दिनों से भर्तियों में साक्षात्कार व मेरिट पर आने वाले उम्मीदवारों से उनका सरकारी नौकरी में चयन कराने के नाम पर पैसे लिए जाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने इस बारे में खुद मुख्यमंत्री से बात की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आइजी (सीआइडी) अनिल कुमार राव, आइजी (सीएम फ्लाइंग) राजेंद्र कुमार और डीएसपी पूर्णिमा सिंह की देखरेख में पंचकूला मुख्यालय पर छापेमारी की गई। सीएम फ्लाइंग ने जांच के बाद पंचकूला के सेक्टर पांच थाने में धारा 166, 167, 420, 465, 467, 468, 471, 120 बी, भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं 7/8/10/12/13/13(1)/15 तथा आइटी एक्ट 66 व 72 में मुकदमा दर्ज कराया है। 
केंद्र सरकार की नौकरियों का रैकेटबाज था जींद का सुरेश : 
सीएम फ्लाइंग ने नरवाना से सुरेश कुमार को भी पकड़ा है। वह जींद के उदयपुर का रहने वाला है। वह नौकरियों के लिए पैसे हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सुरेश जींद के गांव बडनपुर में जूनियर लेक्चरार के पद पर कार्यरत है। सुरेश भी मोबाइल के माध्यम से दलालों से जुड़कर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पंचकूला व केंद्र सरकार की नौकरियों में उम्मीदवारों का चयन कराने के लिए पैसे लेता था।पंचकूला में सीएम फ्लाइंग की रेड के बाद जानकारी देते एसीपी धीरज।कार्यालय अधीक्षक सुभाष पराशर, सहायक रोहताश शर्मा, सहायक सुखविंद्र सिंह, सहायक अनिल शर्मा, आइटी सेल में अनुबंधित कर्मचारी पुनीत सैनी, धमेंद्र, लिपिक बलवान सिंह और सिंचाई विभाग का सहायक सुरेंद्र कुमार शामिल हैं। धमेंद्र आयोग को पूर्व में कंपनी के माध्यम से अनुबंध के तौर पर कर्मचारी उपलब्ध कराता था।  
सीएम फ्लाइंग पिछले कई दिनों से इन दलालों पर निगाह रखे हुए थी। सूचनाओं के आधार पर सीएम फ्लाइंग ने इन कर्मचारियों व दलालों को चिन्हित करते हुए उनके फोन सर्विलांस पर लगा दिए। आयोग व दूसरे विभागों के कर्मचारी नौकरियों के लिए पैसे के लेनदेन की बात करते हुए पाए गए। इसके अतिरिक्त आयोग की गोपनीय सूचनाएं भी आपस में लीक की गई।
भर्ती घोटाले पर रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा को घेरा
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री उड़नदस्ते द्वारा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय पर मारा गया छापा सरकारी नौकरियों में हो रहे भ्रष्टाचार के मामले में जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है। यह प्रमाण है कि सरकार ने स्वयं मान लिया है कि भाजपा राज में नौकरियां देने के नाम पर उम्मीदवारों से पैसे वसूले जा रहे हैं।
चयन आयोग का डाटा भी किया जा रहा था लीक 
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में तैनात कर्मी वहां का डाटा लीक कर दूसरे कर्मचारियों व दलालों से उसका आदान-प्रदान करते थे। 
परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका के नंबरों को देखकर मेरिट में शामिल होने वाले कर्मचारियों से संपर्क कर उनका नौकरी में चयन कराने के नाम पर मोटी रकम तय की जाती थी। 
पूछताछ के लिए विशेष जांच कमेटी बनी 
इन मुकदमों की विस्तृत जांच के लिए पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी की देखरेख में विशेष जांच कमेटी गठित कर दी गई है। गिरफ्तार किए गए सभी कर्मचारियों को न्यायालय में पेश कर उनका रिमांड लिया जाएगा। पूछताछ के दौरान कई अहम तथ्य सामने आने की उम्मीद है।
इस तरह से चलाया रैकेट 
  • मेरिट लिस्ट में शामिल ऐसे उम्मीदवारों को चिह्नित करते थे, जिन्हें साक्षात्कार में केवल पास नंबर की जरूरत होती थी। 
  • आयोग के कर्मचारी इन्हीं उम्मीदवारों से दलालों के माध्यम से संपर्क करते थे और पास कराने के पैसे लेते थे।
  • कर्मचारी चयन आयोग के कर्मचारियों के अलावा दूसरे सरकारी विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं। 
  • कर्मचारी मोबाइल से उम्मीदवारों से संपर्क करते थे और सौदेबाजी करते हुए उनसे पैसे तय करते थे। 

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