** प्रदेशभर के गेस्ट टीचरों ने सेक्टर-12 में रैली निकालकर जताया रोष, सरकार को नारेबाजी कर जमकर कोसा
** रैली के बाद मैना यादव आमरण अनशन पर बैठ गई।
करनाल : प्रदेशभर के गेस्ट टीचरों ने रविवार को सेक्टर-12 में रैली निकालकर रोष जाहिर किया। संघर्ष समिति हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले एकत्रित हुए अतिथि अध्यापकों ने सरकार को जमकर कोसा। नारे लगाकर अपनी आवाज बुलंद की। रैली के बाद मैना यादव आमरण अनशन पर बैठ गई।
मैना यादव ने कहा कि इस नौकरी के अलावा गुजारा करने का कोई दूसरा साधन नहीं है। उनका एक छोटा सा बच्चा है और इतने कम पैसों में घर से 150 किलोमीटर दूर नौकरी करते हुए कैसे उसका पालन पोषण कर सकती हैं। मैना ने बताया कि उसके पति देश सेवा में शहीद हो चुके हैं। इसलिए उनके पास अपनी जान पर खेलने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री संवेदनहीन हो गए हैं। जो उनकी आवाज और जायज मांग को नहीं सुन रहे हैं। मुख्यमंत्री बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देते है, लेकिन एक बेटी ने उनके विधानसभा क्षेत्र में मुंडन करवा लिया।
निदेशक की रिपोर्ट के बाद भी जारी नहीं किया लेटर
संघर्ष समिति के संयोजक पारस शर्मा ने कहा कि 11 फरवरी को 14 हजार गेस्ट अध्यापकों के लिए शहीद की पत्नी मैना यादव ने करनाल में मुंडन करवाया था। इसके बाद 17 फरवरी को मुख्यमंत्री के साथ संघर्ष समिति की मीटिंग हुई। इसमें खुद मुख्यमंत्री ने ये वादा किया था कि निदेशक की रिपोर्ट तैयार होते ही सभी गेस्ट को समान काम समान वेतन दे दिया जाएगा। यह रिपोर्ट निदेशक ने 16 मार्च को ही तैयार कर दी थी, लेकिन इसके 40 दिन बाद तक भी कोई पत्र जारी नहीं हुआ।
अतिथि अध्यापक सीएम से दोबारा मीटिंग के लिए तीन बार राजेश खुल्लर और सात बार ओएसडी अमरेंद्र से मिल चुके हैं। जबकि 17 फरवरी की मीटिंग में खुद सीएम ने राजेश खुल्लर की ड्यूटी लगाई थी कि निदेशक की रिपोर्ट तैयार होते ही गेस्ट टीचर की दोबारा मीटिंग करवाना।
** रैली के बाद मैना यादव आमरण अनशन पर बैठ गई।
करनाल : प्रदेशभर के गेस्ट टीचरों ने रविवार को सेक्टर-12 में रैली निकालकर रोष जाहिर किया। संघर्ष समिति हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले एकत्रित हुए अतिथि अध्यापकों ने सरकार को जमकर कोसा। नारे लगाकर अपनी आवाज बुलंद की। रैली के बाद मैना यादव आमरण अनशन पर बैठ गई।
मैना यादव ने कहा कि इस नौकरी के अलावा गुजारा करने का कोई दूसरा साधन नहीं है। उनका एक छोटा सा बच्चा है और इतने कम पैसों में घर से 150 किलोमीटर दूर नौकरी करते हुए कैसे उसका पालन पोषण कर सकती हैं। मैना ने बताया कि उसके पति देश सेवा में शहीद हो चुके हैं। इसलिए उनके पास अपनी जान पर खेलने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री संवेदनहीन हो गए हैं। जो उनकी आवाज और जायज मांग को नहीं सुन रहे हैं। मुख्यमंत्री बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देते है, लेकिन एक बेटी ने उनके विधानसभा क्षेत्र में मुंडन करवा लिया।
निदेशक की रिपोर्ट के बाद भी जारी नहीं किया लेटर
संघर्ष समिति के संयोजक पारस शर्मा ने कहा कि 11 फरवरी को 14 हजार गेस्ट अध्यापकों के लिए शहीद की पत्नी मैना यादव ने करनाल में मुंडन करवाया था। इसके बाद 17 फरवरी को मुख्यमंत्री के साथ संघर्ष समिति की मीटिंग हुई। इसमें खुद मुख्यमंत्री ने ये वादा किया था कि निदेशक की रिपोर्ट तैयार होते ही सभी गेस्ट को समान काम समान वेतन दे दिया जाएगा। यह रिपोर्ट निदेशक ने 16 मार्च को ही तैयार कर दी थी, लेकिन इसके 40 दिन बाद तक भी कोई पत्र जारी नहीं हुआ।
अतिथि अध्यापक सीएम से दोबारा मीटिंग के लिए तीन बार राजेश खुल्लर और सात बार ओएसडी अमरेंद्र से मिल चुके हैं। जबकि 17 फरवरी की मीटिंग में खुद सीएम ने राजेश खुल्लर की ड्यूटी लगाई थी कि निदेशक की रिपोर्ट तैयार होते ही गेस्ट टीचर की दोबारा मीटिंग करवाना।
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