** किस स्तर से हुई लापरवाही, जांच के बाद ही हो पाएगी स्थिति स्पष्ट
अंबाला शहर:शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते जिलेभर के 50 से ज्यादा
अध्यापकों की वार्षिक प्रदर्शन आंकलन रिपोर्ट (एपीएआर) गायब हो चुकी हैं।
इन अध्यापकों की वर्ष 2014 और 2015 की एपीएआर कहीं नहीं मिल पा रही हैं। इन
शिक्षकों को यही नहीं पता कि यह रिपोर्ट आखिर गई तो कहां गई? दरअसल खंड
शिक्षा अधिकारी कार्यालयों से इन शिक्षकों को अपनी एपीएआर रिपोर्ट लेने के
लिए कलस्टर कोआर्डिनेटर के माध्यम से सूचना दी गई। 1कुछ शिक्षकों की
रिपोर्ट कलस्टर कोओर्डिनेटर ने शिक्षकों को बीईओ कार्यालय से लेकर उपलब्ध
करा दी लेकिन कुछ सीधे तौर पर ही बीईओ कार्यालय से यह रिपोर्ट ले आए। जब इन
शिक्षकों को न तो बीईओ कार्यालय न ही कलस्टर कोआर्डिनेटर के पास अपनी
रिपोर्ट मिली तो इनके होश उड़ गए और इन्होंने संघ के सामने अपने मुद्दा
उठाया। संघ के पदाधिकारियों ने डीईओ के समक्ष अपना दुखड़ा रोते हुए इन
कर्मचारियों की एपीएआर की व्यवस्था कराने की गुहार लगाई।
"प्रतिनिधिमंडल इस बारे में शिक्षा अधिकारी से मिलकर अपनी शिकायत दे चुका है
लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इन शिक्षकों की एपीएआर की व्यवस्था
कराने की मांग हमने की है।"-- मोहन लाल परोचा, महासचिव हरियाणा राज्य
अनुसूचित जाति अध्यापक संघ
दोबारा नहीं बन सकती एपीएआर
बता दें कि अब किसी
भी हाल में इन शिक्षकों की एपीएआर दोबारा नहीं बनाई जा सकती। क्योंकि इसकी
एक ही कॉपी होती है। इसकी कोई नमूना कॉपी नहीं बनाई जाती थी। इसे दोबारा भी
नहीं बनाया जा सकता क्योंकि पहले एपीएआर पर डीडीओ के हस्ताक्षर कराने
पड़ते हैं। सीआरसी में नोडल अधिकारी से अप्रूव होकर यह बीईओ के पास पहुंचती
है।
"शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिकायत लेकर आया था। लेकिन वह यह तो बताएं
कि उन्होंने अपनी एसीएआर कहा जमा कराई थी। साथ ही अपने खंड शिक्षा अधिकारी
से बात कर स्टेट्स लें तभी कुछ किया जा सकेगा।"--उमा शर्मा,
जिला शिक्षा अधिकारी
यह आएगी दिक्कत :
प्रमोशन के लिए सरकारी कर्मचारी के
पास एपीएआर होनी जरूरी है। इसी को आधार बनाकर सरकार कर्मचारी का प्रमोशन
करती है। दूसरी ओर आश्वस्त कैरियर प्रगति (एसीपी) योजना का भी इन्हें लाभ
नहीं मिल पाएगा क्योंकि इसके लिए भी एपीएआर होना जरूरी होता है।
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