** कहीं शादी का हवाला, तो कहीं 27 अंकों की गुहार
भिवानी : ‘सर मुझे पास कर देना कल मेरी शादी है’…’सर मुझे आर्मी में भर्ती होना है,
मुझे पेपर में 27 नम्बर देना प्लीज’, ‘मुझे पास करना, नहीं तो घर वाले मुझे
आगे पढ़ने स्कूल जाने नहीं देंगे’, ‘मास्टर जी मैं बीमार था, इस कारण
पढ़ाई नहीं कर पाया, रहम करते हुए मुझे पास कर देना जी’… कुछ इसी तरह के
जुमले इनदिनों उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कार्य के दौरान जांच कार्य कर रहे
उन अध्यापकों के सामने आ रहे हैं, जिनकी ड्यूटी मार्किंग में लगी हुई है।
पूरा पेपर नहीं कर पाने वाले विद्यार्थी पास होने के लिए नायाब तरीके के
बहाने ढूंढते हैं। मार्किंग में तैनात अध्यापक इन अपीलों को देखते तो
हैं, मगर नम्बर कहां से दें। अध्यापकों का कहना है कि पूरा साल पढ़ाई नहीं
करने वाले विद्यार्थी ही अक्सर पेपर में पास किए जाने की इस तरह की
जुमलेबाजी एवं अपील करते हैं, जिनका उन पर कोई असर नहीं होता। उन्हें तो
मार्किंग के दौरान विद्यार्थी की साल भर की मेहनत के ही अंक देने होते हैं।
हसला के जिला प्रधान रमेश मल्हान का कहना है कि कोई समय था जब पेपर के
अंदर ही 100 रुपये का नोट अक्सर मिल जाता था, अब यह नया हथकंडा है….भावुक
अपीलें। कई विद्यार्थी तो अपने मोबाइल नम्बर तक आंसर शीट में लिख देते हैं।
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