** नेपाल बैठो या कहीं किसी अन्य देश में डिग्री चाहिए तो बस कुछ हजार रुपये खर्च करो और हो जाओ स्नातक।
** भिवानी पुलिस ने रोहतक से चार कर्मचारी किए गिरफ्तार
** नौकरी पाने की चाह में चल रहा था गोरखधंधा
भिवानी : भिवानी पुलिस ने राजस्थान स्थित एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के चार
कर्मचारियों को रोहतक से गिरफ्तार किया है। पुलिस की मानें तो ये कर्मचारी
मिलीभगत कर पैसे लेकर फर्जी डिग्री दे रहे थे। बीए व एमए की फर्जी डिग्री
के लिए ये अभियुक्त मोटे पैसे वसूलते थे। पुलिस ने इन अभियुक्तों को
न्यायालय में पेश कर दिया, जहां से चार दिन के रिमांड पर सौंपा है। पुलिस
ने इनके कब्जे से कंप्यूटर, लैपटॉप व कुछ रिकॉर्ड बरामद किया है। 1शनिवार
दोपहर बाद उपपुलिस अधीक्षक संजय कुमार, सदर थाना प्रभारी श्रीभगवान ने
पत्रकार वार्ता कर इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भिवानी के
गांव रूपगढ़ निवासी बिजेन्द्र ने 5 अप्रैल को थाना शहर भिवानी में शिकायत
दर्ज कराई थी कि राजस्थान के चुरू स्थित एक ओपीजेएस नामक एक प्राइवेट
यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारी फर्जी डिग्री देने का गोरखधंधा चला रहे हैं।
इस पर कार्रवाई करते हुए एसपी सुरेन्द्र सिंह भौरिया ने डीएसपी सिवानी संजय
बिश्नोई के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया। एसआइटी ने गहनता से जांच की
और संबंधित यूनिवर्सिटी में छापेमारी की। यहां काफी युवकों को बिना पेपर
लिए और बिना किसी रिकॉर्ड के ही डिग्रियां दी जा रही थी। एसआइटी ने यहां
कार्यरत चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। पुलिस की गिरफ्त में आए
अभियुक्त दीपक, नवीन, अनिल व कृष्ण ने अपना आरोप कबूला है। पुलिस ने रोहतक
से भी लैपटॉप, कंप्यूटर व कुछ रिकॉर्ड बरामद किया।
नौकरी पाने की चाह में चल रहा था गोरखधंधा
भिवानी : युवती दुबई में, कभी इंडिया आई नहीं पर डिग्री चुरू से जारी हो गई। नेपाल
बैठो या कहीं किसी अन्य देश में डिग्री चाहिए तो बस कुछ हजार रुपये खर्च
करो और हो जाओ स्नातक। जी हां भिवानी पुलिस की तरफ से की जा रही प्राथमिक
जांच में तो यहीं सामने आया है। हरियाणा पुलिस भर्ती में फायदा उठाने के
मकसद से फर्जी डिग्री खरीदने का कारोबार इन दिनों जोर पकड़ गया था और समय
रहते भिवानी पुलिस को सूचना हाथ लग गई।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि हरियाणा
सरकार की ओर से साक्षात्कार के अंक कम करने के बाद मुख्य दारोमदार डिग्री
के अंकों पर ही टिक गया है। हरियाणा में सरकारी नौकरी के चाहने वालों में
पुलिस भर्ती के लिए विशेष क्रेज है। चुनावी वर्ष होने की वजह से इस वर्ष
हजारों नौकरियों के लिए भर्ती होनी है। इन नौकरियों में फर्जी डिग्रियों के
माध्यम से घुसपैठ की मंशा के कारण यह गोरखधंधा जोर पकड़े हुए था।
दो
फर्जी ग्राहकों ने किया पर्दाफाश:
पुलिस सूत्र बताते हैं कि फर्जी डिग्री
मामले की जानकारी मिलते ही भिवानी पुलिस ने चुरू विश्वविद्यालय से संबंधित
कार्यालय में फरवरी माह में संपर्क किया। 18 फरवरी डेटेड बैंक ड्राफ्ट
दोनों फर्जी ग्राहकों ने मार्च माह में उक्त विश्वविद्यालय के कर्मचारियों
को दे दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने दोनों फर्जी
ग्राहकों का रिकॉर्ड बैक डेट में 2013 से दर्शा दिया। साथ ही विश्वविद्यालय
के रिकॉर्ड में भी यह दर्ज करा दिया, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो।
फर्जी डिग्री का यह गोरखधंधा कई प्रदेशों में चल रहा था। ऐसे में कई
स्थानों पर मुकदमे दर्ज हो सकते हैं। दुबई की युवती की डिग्री दिखाने पर
हुआ पुलिस को शक :
सूत्रों के मुताबिक एक शिकायतकर्ता ने एसपी भिवानी से
संपर्क कर उन्हें दुबई में रह रही युवती की डिग्री की फोटो स्टेट दिखाई और
दावा किया कि उक्त युवती कभी भारत में आई ही नहीं। इसी शक के आधार पर मामले
की छानबीन आगे बढ़ाई तो नेपाल तक तार जुड़े होने की बात भी सामने आई।
उपरोक्त तमाम तथ्यों की पुष्टि विभाग के एक उच्चाधिकारी ने नाम न प्रकाशित
करने की शर्त पर की है।
22 हजार रुपये में करवाई जाती थी बीए पास
डीएसपी ने बताया कि बीए की डिग्री के लिए करीब 22 हजार रुपये एक साल के
हिसाब से वसूले जाते थे। डीएसपी ने बताया कि अभी पूछताछ जारी है और उसके
बाद ही पता चलेगा कि कितनी फर्जी डिग्री दी गई और कोई युवक इन फर्जी डिग्री
के सहारे नौकरी लगा या अप्लाई किया हुआ है।तीन साल की फीस लेकर एक ही बार
में दे दी जाती थी फर्जी डिग्री
डीएसपी संजय बिश्नोई ने बताया कि रोहतक
में इस पूरे गोरखधंधे का हेड ऑफिस बनाया गया था, जहां से देश भर के युवाओं
को ठगने के लिए फीस व अन्य कागजात जमा करवाए जाते थे। जो युवा बिना पढ़े
लिखे व पेपर दिए ही पास होने का इच्छुक होता उससे डिग्री के लिए तीन साल की
फीस एक साथ लेकर डिग्री दे दी जाती थी।
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