अंबाला शहर : जिला शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी बेखबर रहे और सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल ने 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए परीक्षा करा दी। अब इस परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को सरकारी स्कूल में भी दाखिला नहीं मिलेगा। ऐसे में अब यह न तो प्राइवेट स्कूल में दाखिला ले सकेंगे न ही सरकारी में। हर बच्चे को शिक्षा का सपना साकार कैसे होगा यह खुद शिक्षा विभाग को खबर नहीं है।
दरअसल, प्राइवेट स्कूल में दाखिले के लिए टेस्ट तो होते आपने देखा होगा लेकिन यदि सरकारी में टेस्ट से दाखिले की बात कही जाए तो कुछ अजीब लगता है, लेकिन शहर के प्रेम नगर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में इस बार ऐसी प्रथा शुरू कर दी गई है। यहां पर 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए इतनी मारामारी है कि प्रिंसिपल ने नियमों को दरकिनार करते हुए दाखिले के लिए टेस्ट रख दिया। 20 अंकों की परीक्षा में अब जो विद्यार्थी पास होंगे उसे ही दाखिला मिलेगा जबकि नियमानुसार पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर सरकारी स्कूल में दाखिला दिया जाता है। अंबाला शहर के इस स्कूल की बात करें तो यहां गत वर्ष 8वीं कक्षा में 117 विद्यार्थी थे जोकि सभी इस साल नौंवी में पहुंच चुके हैं। इस बार 48 नए आवेदन आए इन सभी को दाखिला लेने के लिए टेस्ट देना पड़ा। सोमवार को 20 अंकों की परीक्षा ली गई।
लापरवाही
- 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए तय की शर्तें, शिक्षा विभाग बेखबर
- शिक्षा अधिकार के तहत किसी भी सरकारी स्कूल में नहीं कराई जा सकती दाखिला परीक्षा
- प्रेम नगर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शुरू की गई ऐसी प्रथा
क्यों आई ऐसी स्थिति
दरअसल, शहर का प्रेम नगर सीनियर सेकेंडरी स्कूल जिले के सबसे अच्छे स्कूलों में गिना जाता है। इस स्कूल का परिणाम लगातार 4 साल से जिले में सबसे अच्छा आ रहा है। इसीलिए हर कोई इसी स्कूल में दाखिला लेना चाहता है। इसके साथ-साथ यहां पर वचरुअल क्लास रूम और इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स भी निशुल्क सिखाया जा रहा है। यही कारण है कि ऐसे-ऐसे एरिया से बच्चे यहां दाखिला लेने पहुंच रहे हैं जहां पर पहले से ही दूसरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी है, लेकिन वहां बच्चे दाखिला नहीं लेना चाहते।
नहीं ले सकते टेस्ट
शिक्षा एक्ट के तहत किसी भी सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए टेस्ट नहीं हो सकता। ऐसा करना गैर कानूनी है। लेकिन स्कूल की स्थिति को देखते हुए ¨प्रसिपल को मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा। क्योंकि यहां 9वीं में पहले से ही 117 बच्चे पढ़ रहे हैं और 48 नए आवेदन आए थे। इतने विद्यार्थियों को यहां बिठाने की व्यवस्था नहीं है। इसी व्यवस्था को बनाने के लिए प्रिंसिपल ने अपनी मर्जी से टेस्ट रख दिया लेकिन नियम भूल गए। न केवल नौवीं कक्षा बल्कि 11वीं कक्षा में यहां दाखिले के लिए टेस्ट निर्धारित कर दिया गया है।
"सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए टेस्ट की जानकारी मुङो नहीं है। न ही किसी अभिभावक ने ऐसी शिकायत दी है। नियमानुसार सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए टेस्ट नहीं लिया जा सकता। मामले का पता कराया जाएगा।"-- उमा शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी
"नौवीं में पहले ही 117 बच्चे पढ़ रहे हैं। इस साल 48 नए विद्यार्थी दाखिले के लिए आ गए। इतने बच्चों को बिठाने की स्कूल में व्यवस्था नहीं है। इसीलिए 20 अंकों की परीक्षा ली गई है।"-- सुरेंद्र मोहन,प्रिंसिपल
¨प्रेम नगर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 9वीं में दाखिले के लिए टेस्ट की मुङो जानकारी नहीं है। इस बारे में ¨प्रसिपल ही बता सकते हैं कि उन्होंने टेस्ट क्यों लिया?"-- सुधीर कालड़ा, खंड शिक्षा अधिकारी
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