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Sunday, 1 April 2018

जेबीटी शिक्षकों को नहीं पदोन्नति, बैकलॉग के हजारों पद खाली

** लेटलतीफी जेबीटी की पदोन्नति पर आठ साल से लगी अघोषित रोक, हाईकोर्ट के आदेश पर भी नहीं बनी बात
** पंजाब-हिमाचल के जेबीटी बन रहे हेड टीचर, बीईओ-डीईईओ हरियाणा के शिक्षक जेबीटी से ही रिटायर 
चंडीगढ़ : राज्य के जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों की पदोन्नति पर आठ साल से अघोषित रोक लगी हुई है। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद प्राथमिक शिक्षक पूरे सेवाकाल में पदोन्नति न होने से जेबीटी से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके उलट पंजाब और हिमाचल प्रदेश के जेबीटी आसानी से हेड टीचर, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी (बीईईओ) और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) बन जा रहे हैं।
हरियाणा में जेबीटी शिक्षकों को बेसिक कॉडर योग्यता और उच्च शैक्षणिक योग्यता के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान है। बेसिक कॉडर योग्यता में जेबीटी से हेड टीचर पद पर पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर होती है। वहीं, उच्च शैक्षिक योग्यता वाले जेबीटी को सीएंडवी भाषा अध्यापक तथा मास्टर वर्ग पर पदोन्नत करने का नियम है। प्रदेश में हेड टीचर के कुल 7355 पद मंजूर हैं, लेकिन काम कर रहे सिर्फ 1800 हेड टीचर। इसके बावजूद आठ साल से कोई शिक्षक हेड टीचर नहीं बनाया गया। 
जेबीटी को मास्टर पदों के अलावा सीएंडवी भाषा अध्यापक हिंदी, संस्कृत व पंजाबी पद पर 33 फीसद पदोन्नति का कोटा दिया गया है, लेकिन आज तक विभाग कोटे की दस फीसद सीटें भी नहीं भर पाया। दूसरी तरफ सीएंडवी पदों को अब टीजीटी में बदला जा चुका और शिक्षा स्नातक होना अनिवार्य कर दिया गया। 
जेबीटी शिक्षक पदोन्नति को लेकर हाई कोर्ट में केस तक जीत चुके हैं, लेकिन फिर भी विभाग ने हक नहीं दिया। वर्तमान में काफी संख्या में जेबीटी शिक्षक न केवल स्नातक, बल्कि बीएड और एमएड की योग्यता भी रखते हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी सुनील बास ने बताया कि 8 मार्च को शिक्षा निदेशक व मुख्यमंत्री के ओएसडी से वार्ता में पदोन्नति पर सहमति बनी है। अब देखना है कि विभाग जेबीटी की पदोन्नति के बैकलॉग को पूरा करता है या फिर केवल लीपापोती ही की जाएगी।
आखिरी बार 2010 में हुईं थी पदोन्नतियां 
शिक्षा विभाग जहां सीधे एमआइएस पोर्टल से डाटा लेकर पदोन्नति देने का दावा कर रहा है, वहीं मार्च 2016 से संस्कृत पद पर पदोन्नति के मामले निदेशालय में लंबित पड़े हैं। वर्ष 2011 में नियुक्त जेबीटी शिक्षकों के लिए पद सृजित करने और अतिथि अध्यापकों को बचाए रखने के लिए ही वर्ष 2010 के अंत में विभाग ने आखिरी बार पदोन्नति की थी। इसके बाद कोई शिक्षक पदोन्नत नहीं किया गया।

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