प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि मान्यता के नाम पर स्कूल संचालकों को थोड़ी-थोड़ी कमियों के लिए परेशान किया जा रहा है।
हाल ही में 1372 स्कूल संचालकों को मान्यता नियमों का उल्लंघन करने का नोटिस जारी किया गया है। शर्मा ने कहा कि नोटिस भेजना गलत है। स्कूल संचालकों ने आनलाइन फार्म भेज रखे हैं। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि देश में एक ही बोर्ड होना चाहिए। सभी बोर्डों में अलग- अलग शिक्षा स्लेबस है। देश स्तर के मुकाबलों में कई बोर्डों के विद्यार्थी पिछड़ जाते हैं।
एक ही बोर्ड होने से शिक्षा में सुधार आयेगा और पूरे देश में एक ही शिक्षा नियमावली व कानून बनाया जा सकेगा। नियम केवल निजी सकूल संचालकों पर ही लागू किये जा रहे हैं जबकि सरकारी व आर्मी के स्कूलों पर नियम लागू नहीं कर रहे। निजी स्कूल संचालकों को पीली रंग की बस, चालक-परिचालक जरूरी कर रखे है जबकि आर्मी स्कूलों के विद्यार्थियों को हरे रंग के ट्रकों में लाया ले जाया जाता है। क्या वे बच्चे नहीं हैं। आज तक उनका कभी चालान नहीं काटा गया। इसी प्रकार सरकारी स्कूलों के बच्चें बसों की छतों पर बैठ कर जाते हैं, लेकिन किसी सरकारी स्कूल पर कार्रवाई नहीं हुई।
सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल संचालकों को गुमराह कर रहे हैं। सरकार द्वारा निजी स्कूलों में 10 प्रतिशत जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त पढ़ाने का दबाब बनाया जा रहा है। जबकि सरकारी स्कूल में एक बच्चें की शिक्षा के लिए सरकार पर करीब प्रंदह सौ का खर्चा आ रहा है। सरकार उन्हें वाजिब फीस दे तो वे पढ़ाने के लिए तैयार है। स्कूलों को अपग्रेड करने की नीतियों को सरल करने के साथ साथ पुरानी नियमावली को अपनाया जाये। ..DT
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