गोहाना. प्रदेश की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा है कि आयरन की गोली विद्यार्थियों के लिए जरूरी है तथा इसे बंद नहीं किया जाएगा। बल्कि इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील में आई खामियों को दूर किया जाएगा। जिन स्कूलों में किचन नहीं हैं, वहां किचन के साथ अलग से स्टोर व वाशिंग एरिया भी बनाया जाएगा।
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मिड-डे मील योजना बहुत बड़ी स्कीम है तथा इससे लागू करने से पहले हर प्रकार की तैयारी की गई थी। कुछ स्थानों पर खामियां आई हैं। वहां जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन स्कूलों में खाना बनाने के लिए अलग से रसोई घर नहीं है, वहां रसोई घर बनवाने के अलावा बर्तन साफ करने के लिए अलग से जगह बनाई जा रही है। राशन रखने के लिए स्टोर भी बनाए जा रहे हैं।
आयरन की गोली देने से हो रही दिक्कतों के बारे में उन्होंने कहा कि इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना के तहत प्रदेश के करीब 50 लाख बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कराई गई थी। यह बात सामने आई कि बच्चों में खून की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आयरन की गोली देने का फैसला किया। लगभग 16 लाख बच्चों को दवा दी गई है। जिनमें से कुछ सौ बच्चों को दिक्कत आई है। गोली की जांच कराई गई है।
पुस्तकों में देरी की होगी जांच
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में अभी तक स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें नहीं पहुंची हैं। जिन फर्मो को पुस्तकें छापने का ठेका दिया गया था। उन्होंने पुस्तकें छापकर तैयार कर दी हैं। कुछ तकनीकी कारणों के चलते पुस्तकें नहीं पहुंच पाई हैं। जिन फर्मो ने पुस्तकें छापने में देरी की है। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, ब्लैक लिस्टेड फर्म को ठेका देने के बारे में भी जांच कराई जा रही है। ..DB
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