हरियाणा के विभिन्न सरकारी स्कूलों में दी जा रही आयरन की गोलियां स्कूल प्रशासन व सरकार के लिये सिरदर्द बनती जा रही हैं। पिछले कई दिन से अलग-अलग स्कूलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि बच्चे दवा लेने के बाद पेटदर्द व उलटी आने और जी मिचलाने की शिकायत कर रहे हैं। सोमवार से लगातार ऐसी शिकायतें बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को फिर अनेक स्कूली बच्चों ने ऐसी ही शिकायत की।
सांपला के स्कूल में 28 बच्चों की तबीयत बिगड़ी
सांपला खंड के नयाबांस स्कूल में अपनी बारी का इंतजार करते बीमार बच्चे।
रोहतक : सांपला खंड़ के गांव नया बांस के सरकारी स्कूल में आयरन की गोली खाने से 28 बच्चे बीमार हो गए। आज सुबह बच्चों की हालत ज्यादा बिगड़ती देख स्कूल प्रशासन ने इसकी शिकायत सीएचसी सांपला को दी। मामले की सूचना मिलते ही प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। वहीं भारी संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंच गए। आनन-फानन में सीएचसी से ड़ाक्टरों की टीम ने स्कूल में जाकर बीमार बच्चों का स्कूल प्रागंण में ही इलाज शुरू कर दिया। डाक्टरों का कहना था कि यह कोई बड़ी बीमारी न होकर केवल साइकलोजिकल इफैक्ट है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नया बांस में एएनएम बाला, सुशीला व उषा एलएचवी की देख-रेख में 127 स्कूली बच्चों को आयरन की गोलियां दी गई। घर पहुंचने पर इन बच्चों को पेट दर्द, उल्टी, सिरदर्द तथा दस्त की शिकायत हो गई। स्कूल प्रशासन ने सीएचसी सांपला को मामले से अवगत कराया। डाक्टरों का कहना है कि बच्चों की स्थिति में सुधार है।
दो हजार में एक बच्चे को है आयरन से समस्या : डॉ.राकेश गुप्ता
हिसार : हर तरह की दवा से किसी न किसी व्यक्ति को किसी साईड इफैक्ट की संभावना रहती है। टीकाकरण के दौरान भी बच्चों को बुखार आने जैसी समस्याएं आती हैं। उन्होंने कहा कि आयरन की गोली में फैरस सल्फेट नामक रसायन होने के कारण कुछ बच्चों में हल्के साइड इफैक्ट हो सकते हैं, जिनमें जी मिचलाना व पेट दर्द से लेकर डायरिया व उल्टी तक के लक्षण हैं, परंतु यह लक्षण 2 हजार बच्चों में से मात्र एक बच्चे में ही नजर आए हैं।
यह बात राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बच्चों में खून की कमी को पूरा करने के लिए सप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम के तहत आयरन व फोलिक एसिड की गोली दी जाती है, जिसमें 100 मिलिग्राम आयरन व आधा मिलिग्राम फोलिक एसिड की गोली सप्ताह में एक बार दी जाती है।
इस कार्यक्रम के तहत 11 से 19 साल के बच्चों व छठी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को लगातार हर हफ्ते दी जाती है। इनमें से 5 प्रतिशत बच्चों को उल्टी दस्त तथा शेष 95 प्रतिशत बच्चों को मात्र जी मिचलाना व पेट दर्द जैसी शिकायतें सामने आई हैं, इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन 2000 बच्चों में आयरन की गोली पचाने में समस्या आई है, उन्हें 6 हफ्ते तक आयरन की छोटी डोज दी जाएगी, जिसे बाद में बढा दिया जाएगा।
आयरन की गोलियां खाने से 50 बीमार, 8 गंभीर
रेवाड़ी :जिले के गांव मामडिय़ा अहीर के स्कूल में आज आयरन की गोलियां खाने से 50 बच्चे बीमार हो गए। जिसमें 8 बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए रेवाड़ी के ट्रोमा सेन्टर में भर्ती कराया गया। बाकी बच्चों को ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया है। स्कूल के कार्यकारी मुख्याध्यापक सुनील कुमार ने बताया कि आज प्रात: सरकार के आदेश पर बच्चों को आयरन की गोलियां खिलाई गईं। गोलियां खाने के थोड़ी देर बाद ही बच्चों में उल्टी-दस्त व पेट दर्द की शिकायत शुरू हो गई। 8 बच्चों को ज्यादा तकलीफ हुई तो उनको रेवाड़ी के ट्रोमा सेन्टर में भर्ती कराया गया। बाकी बच्चों को खोल व सीहा के स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया।
गुस्साए अभिभावकों ने की स्कूल अध्यापक से हाथापाई
हांसी :राजकीय उच्च विद्यालय सुलतानपुर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई आयरन की गोलियोंं से बीमार पड़े छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने स्कूल में आकर हंगामा कर दिया।
अभिभावकों का कहना था कि स्कूल अध्यापक प्रशासन के रोकने के बावजूद बच्चों को आयरन की गोलियां दे रहा है। उधर स्कू ल के अध्यापक ने एक छात्र के पिता पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने स्कूल में आकर बेवजह अध्यापकों को धमकाना शुरू कर दिया और उनसे गाली गलौच शुरू कर दी। जब उसने उसे ऐसा करने से रोका तो उसने उससे हाथापाई करनी शुरू कर दी, दूसरे अध्यापकों ने बीच-बचाव कर उसे बचाया।
धांसू स्कूल के 26 छात्र बीमार
हिसार :स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को आयरन की गोलियां देने के सघन अभियान के तीसरे दिन भी विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों की हालत खराब हो गई। इस कड़ी में आज धांसू गांव स्थित सरकारी हाई स्कूल के 26 से अधिक विद्यार्थियों की गोली लेने के बाद तबीयत खराब हो गई। पता चलते ही स्कूल प्रशासन तुरंत विद्यार्थियों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया। वहीं नारनौंद में बीते दिन गोली लेने से बीमार अधिकांश विद्यार्थियों की हालत में अभी सुधार नहीं हुआ है। इसी तरह हांसी के सुल्तानपुरा गांव और बरवाला के बयानाखेड़ा गांव के सरकारी स्कूल में गोली लेने वाले 50 से अधिक विद्यार्थियों के पेट में दर्द की परेशानी दूर नहीं हुई है।
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
भूना : भूना ब्लॉक के गांव चौबारा में आयरन की गोली खाने से एक दर्जन से अधिक बच्चों की हालात खराब होने पर अभिभावकों ने स्वास्थ्य विभाग व सरकार के खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन किया। अभिभावकों का कहना है कि सरकार आयरन की गोलियां छात्राओं को देने की बजाए उन्हें मिड-डे-मिल में ताजा अनार खिलाए ताकि विद्यार्थियों में खून की कमी न रहे। गांव के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया है कि घटिया स्तर की आयरन की गोलियां बच्चों को दी जा रही हैं। जिसके कारण बच्चों का स्वास्थ्य सुधरने की बजाए बिगड़ रहा है।
जींद के घोघडिय़ा गांव में 66 बच्चे अस्पताल में
जींद : आयरन की गोली खाने के बाद जिले के घोघडिय़ा गांव के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में आज प्रात: हो रही प्रार्थना सभा में एकाएक छात्र-छात्राओं को चक्कर आने लगे। विद्यार्थी पेट को हाथ से पकड़ कर जमीन पर बैठने लगे। जिसके चलते यहां उपस्थित स्कूल स्टाफड्ड में हड़कंप मच गया। घोघडिय़ा स्कूल में 326 छात्र-छात्राओं को आयरन की गोलियां दी गई थी। अध्यापक अपने-अपने निजी वाहनों में पेट दर्द, उल्टी आने की शिकायत करने वाले विद्यार्थियों को लेकर तुरंत गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य में पहुंचने लगे। स्वास्थ्य केंद्र में 66 छात्र-छात्राओं को पेट दर्द, उल्टी की शिकायत होने पर उपचार के लिए लाया गया।
यहां एकाएक इलाज के लिए विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने पर बेड़ों की संख्या कम पडऩे पर चारपाई पर लेटा कर इलाज किया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पीडि़त विद्यार्थियों के अभिभावकों का जमघट अस्पताल में लग गया। दोपहर दो बजे तक गंभीर रूप बीमार एक दर्जन विद्यार्थियों को छोड़ सभी को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
कथूरा प्रबंधन कमेटियों के अध्यक्षों ने दिए इस्तीफे ,ग्रामीणों ने मांगी माफी
गोहाना : गांव कथूरा के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयरन की गोलियां खाने के बाद छात्राओं की तबीयत बिगडऩे से उपजे विवाद को लेकर गुरुवार को विद्यालय परिसर में बैठक हुई। बैठक में विद्यालय के शिक्षकों के साथ दुव्र्यवहार करने वाले लोगों ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली। कन्या विद्यालय और गांव के दूसरे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यालय प्रबंधन समितियों के अध्यक्षों ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए।
झोरडऩाली के दो छात्र बीमार
सिरसा :आयरन की गोली खाने के दूसरे दिन गांव झोरडऩाली के दो स्कूली छात्रों को पेट दर्द की शिकायत के बाद सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। स्कूल के अन्य बच्चों की भांति कक्षा नौ के छात्र सुनील पुत्र कृष्ण तथा आठवीं के छात्र योगेश पुत्र पृथ्वीराज ने दो दिन पहले आयरन की नीली गोली खाई थी।
फरीदाबाद में 20 बच्चे अस्पताल में
फरीदाबाद के गांव प्रतापगढ़ स्थित सरकारी स्कूली छात्राएं आयरन की गोली खाने से बीमार होने के बाद अस्पताल में उपचाराधीन।
फरीदाबाद : एनआईटी विधानसभा क्षेत्र के गांव प्रतापगढ़ के सरकारी स्कूल के करीब 20 बच्चों की आयरन की गोली खाने से हालत बिगड़ गई। गोली खाने से बच्चों के पेट में दर्द होने लगा। कुछ बच्चों को स्कूल के अन्दर ही डॉक्टर को बुलाकर उनका प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया तथा 6 बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें राजकीय बादशाह खान अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की अधिकारी दीपमाला ने बताया कि आज सुबह बच्चों ने स्कूल में पेट दर्द और सिर दर्द की शिकायत की तो स्कूल के पास स्थित डिस्पेंसरी से डॉक्टर को बुलाया गया। कुछ बच्चों को प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया और 6 बच्चों की हालात गंभीर देखते हुए उन्हें फरीदाबाद स्थित बी.के.अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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