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Monday, 29 July 2013

हर स्कूल में किट सहित मौजूद होगा स्वास्थ्य कर्मी


झज्जर : आयरन एवं फॉलिक एसिड की गोलियां खाने से जिन बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है उन बच्चों को 60 मिलीग्राम की गोली खिलाई जाएगी। इस बार हर स्कूल में स्वास्थ्य विभाग का कोई न कोई चिकित्सक या कर्मचारी रेनटेक बस्कोपेन की गोलियां व ओआरएस के पैकेट वाली किट लेकर मौजूद रहेगा। ताकि किसी भी बच्चे को दोपहर के भोजन के बाद गोली लेने से कारण तकलीफ होती है तो उसको वहीं पर इलाज मुहिया कराया जा सके। वहीं अस्पतालों में भी इलाज के लिए बच्चों को इलाज मुहिया कराने के लिए पुख्ता प्रबंध भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किए गए हैं। जिले के स्कूलों में सोमवार को दूसरे सप्ताह की गोली दी जाएगी। पिछले सप्ताह करीब 35 हजार छात्र-छात्राओं को आयरन एवं फोलिक एसिड की गोलियां खिलाई गई थी। उस दौरान करीब 150 विद्यार्थियों का स्वास्थ बिगड़ गया था।
क्यों बिगड़ रहा स्वास्थ्य
जो गोलियां स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बच्चों को दी जा रही हैं उनमें फैरस सल्फेट नामक साल्ट है जिससे बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। इससे बच्चों को उल्टी, दस्त व पेट दर्द की शिकायत हो रही है। यह साल्ट सस्ता पड़ता है। जबकि इसका दूसरा विकल्प भी है। चिकित्सकों की बात मानी जाए तो इस साल्ट के स्थान पर फैरस फ्यूमेरेट व फैरस बिसग्लाईसीनेट नामक साल्ट होता तो बच्चों को इस प्रकार की शिकायतों से बचाया जा सकता है। यह साल्ट कुछ मंहगा पड़ता है। हालांकि इस साल्ट में गोली लेने के बाद पानी पीने की मात्रा बढ़ा दें। खाली पेट गोली न लेने व गोली लेने के बाद भी आधे घंटे तक जूस व दूध न पीएं। इससे साईड इफेक्ट काफी कम हो जाएगा।
शिक्षक व अभिभावक घबराए नहीं
वीकली आयरन व फोलिक एसिड सप्लीमेंट कार्यक्रम की इंचार्ज डॉ. कुमुद शर्मा का कहना है कि शुरुआत में इन गोलियों के सेवन से बच्चे में उल्टी व पेट दर्द जैसे सामान्य साइड इफेक्ट हो सकते है जो समय के साथ-साथ कम होते जाएंगे, ऐसे में शिक्षक व अभिभावक गोलियों के सेवन से होने वाली परेशानियों से घबराए नहीं। एनीमिया की शिकार लड़कियों की गर्भावस्था व प्रसव के दौरान मृत्यु तक हो जाती है। सांस फूलना, चक्कर आना व घबराहट होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है। उन्होंने कहा कि उन्होंने बताया कि गोलिया खाने से बच्चों के शरीर में खून की मात्रा में लगातार इजाफा होता जाता है। ये गोलिया वैसे तो खाली पेट देने से अधिक लाभ करती है लेकिन शुरू में इनका साइड इफेक्ट कम करने के लिए ये गोलिया बच्चों को दोपहर के भोजन के बाद दी जाएं। बच्चों के रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा प्रभावित होती है और विशेषकर लड़कियों को भविष्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राष्ट्र स्तरीय अभियान के तहत झज्जर जिले के सरकारी स्कूलों में करीब 40 हजार बच्चों को आयरन एंड फोलिक एसिड की गोलियां लगातार 52 सप्ताह तक खिलाई जानी हैं।
तकलीफ वाले बच्चों के दूसरी गोली खिलाई जाएगी : सीएमओ
सिविल सर्जन डॉ. रमेश धनखड़ का कहना है कि आयरन व फोलिक एसिड की गोलियां खाने से शरीर में फायदा होगा इससे नुकसान नहीं होगा। केवल खाना खाने के आधे घंटे के बाद गोली लें व पूरा गिलास पानी का भरकर उसके साथ गोली लेने से समस्या नहीं आएगी। इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाए। उनका कहना है कि अध्यापक भी स्कूलों में बच्चों से खाना खाने की बात पूछ कर ही गोली दें। ताकि बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी न आए। जिन बच्चों को पिछले सप्ताह गोली खाने परेशानी हुई बच्चों 60 मिली ग्राम वाली गोली दी जाएगी। वहीं बाकि बच्चों को पहले वाली ही गोली खिलाई जाएगी। ...DJ

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