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Thursday, 25 July 2013

गोली वितरण पर अध्यापकों ने खड़े किए हाथ



लाडवा : स्कूलों में आयरन की गोली वितरण को लेकर अध्यापकों में भी रोष पनपने लगा है। अध्यापकों ने कहा कि यह गोली फायदा कम नुकसानदायक ज्यादा साबित हो रही है। जिससे अभिभावक भी बच्चों को स्कूलों में न भेजने की चेतावनी देने लगे हैं। बुधवार को आयरन गोली वितरण से दुष्प्रभाव बारे खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बैठक कर चर्चा की गई। जिसमें कई स्कूलों से आए अध्यापकों ने भाग लिया और अपने विचार सांझा किए। अध्यापकों ने कहा कि जो गोली बांटी जा रही है, उसकी गुणवत्ता के साथ रखरखाव पर भी प्रश्रचिह्न लग गया है। उन्होंने कहा कि साथ ही आयु व बच्चे के वजन के अनुरूप गोली की मात्रा देना संभव नहीं हो रहा है।
बैठक में इलाके के बड़ाचपुर स्कूल के मुख्याध्यापक ने बताया कि उन्होंने आयरन गोली ली तो कुछ देर बाद पेट में तकलीफ होने लगी और जिन बच्चों को दवा दी गई थी उनमें से 8 बच्चों की भी तबीयत बिगड़ गई। खंड के स्कूलों के मुख्याध्यापकों ने गत दिवस खण्ड शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र भारद्वाज को आकर शिकायत में बताया कि आयरन की गोलियां देने से बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिससे जहां उनके अभिभावकों का गोलियां न बांटने का दबाव बढ़ रहा है। उधर सरकार के आदेशों के कारण वे बच्चों को गोलियां देने पर विवश हैं। स्कूलों के मुख्याध्यापकों ने कहा कि इन गोलियों के डिब्बों पर इस दवाई को 25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखने के निर्देश हैं, जबकि स्कूल में इस दवाई को रखने के लिए फ्रिज भी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा सारी जिम्मेदारी उन पर डाल दी है जो सरासर गलत है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि दवाई वितरण के समय कोई न कोई सरकारी डाक्टर या इसके समकक्ष कोई व्यक्ति होना चाहिए।
राजकीय माध्यमिक स्कूल बड़ाछपुर के नायब सिंह मुख्याध्यापक ने बैठक में बताया कि बच्चों को गोली देने से पहले खुद गोली खाई तो कुछ देर बाद उन्हें दस्त शुरू हो गए और सीने में जलन शुरू हो गई और जी मचलाने लगा। बाद में उन्हें एक उल्टी भी आयी।
उन्होंने बताया कि उन्होंने 60 बच्चों को गोलियां दी थी जिसमें से 8 बच्चों को पेट दर्द, दस्त व सीने में जलन आदि की शिकायत हुई। वहीं उन्होने यह भी बताया कि अब बच्चों के अभिभावक स्कूल में आकर चेतावनी देने लगे हैं कि अगर इन गोलियों को बच्चों को देना जल्द ही बंद नहीं किया गया तो वह अपने बच्चे स्कूल भेजने बंद कर देंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि सरकार आयरन गोली से होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए कदम उठा रही है और उनके रखरखाव पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है।  ..DT

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