हिसार : नए आदेश जारी होने तक सरकारी स्कूलों में नौवीं और दसवीं कक्षा को मास्टर ही पढ़ाएंगे। पिछले कुछ दिनों से विभाग की ओर से रेशनेलाइजेशन करने पर यह मामला स्कूल लेक्चरर्स और मास्टर वर्ग के बीच फंसा था। अध्यापकों के दोनों वर्गों ने इन कक्षाओं को पढ़ाने से इनकार दिया था। इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जब तक नए नियम लागू नहीं हो जाते, तब तक स्कूलों में यथा स्थिति बनी रहेगी।
शिक्षा विभाग ने छात्र संख्या को आधार बनाकर रेशनेलाइजेशन नीति बनाई है। इसमें नौवीं और दसवीं कक्षा को स्कूल लेक्चरर्स को सौंपा जाना था। मगर हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन ने इसे मानने से इनकार कर दिया। वहीं मास्टर वर्ग भी इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे। इसके कारण अभी तक यह दुविधा बनी हुई थी कि इन दोनों कक्षाओं को कौन पढ़ाएगा। चूंकि बोर्ड के सेमेस्टर एग्जाम में सिर्फ डेढ़ महीना ही बचा है। इसलिए अध्यापकों की इस आपसी गुटबाजी का सबसे अधिक असर दसवीं के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा था।
पढ़ाई प्रभावित तो स्कूल मुखिया होगा जिम्मेदार :
विभाग की ओर से जारी निर्देशों में नौवीं और दसवीं की जिम्मेदारी दोबारा मास्टर वर्ग को सौंपी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अभी तक उच्च स्तर पर कार्य का विभाजन नहीं किया गया है। इसलिए जब तक स्पष्ट निर्देश जारी नहीं हो जाते स्कूलों में यथास्थिति बनी रहेगी। अगर अध्यापकों की गुटबाजी में पढ़ाई प्रभावित हुई तो इसके लिए स्कूल मुखिया जिम्मेदार होंगे। ..DB
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