.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Friday, 26 July 2013

जेबीटी तबादलों पर विभाग ने लगाई रोक


फतेहाबाद : रेशनेलाइजेशन की खामियों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने 102 जेबीटी शिक्षकों के तबादले किए थे जिन पर रोक लग गई है। विभाग ने खुद ही अपने फैसले पर रोक लगा दी। अब तक जो रिलीव हो चुके हैं, उनके तबादले मान्य होंगे। हालांकि ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग दस फीसदी ही है। बाकी शिक्षकों की तबादला सूची दोबारा जारी होगी। अब रेशनेलाइजेशन की स्थिति पहले जैसी हो गई है। इन तबादलों के कारण कहीं राहत महसूस की गई थी तो कहीं नाराजगी थी। कुल मिलाकर अब शिक्षक राहत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि अधिकांश शिक्षकों को उनकी इच्छा के विपरीत इधर उधर किया गया था। अब विभाग इस मसले पर दोबारा निर्णय लेगा। तब तक सभी शिक्षकों की नियुक्तियां यथावत रहेंगी। विभाग ने फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, झज्जर व कैथल समेत पांच जिलों में शिक्षकों के तबादले किए थे। इनमें 102 शिक्षक सिर्फ फतेहाबाद जिले के थे। इस सूची पर लगाई गई रोक पांचों जिलों पर लागू होगी। शिक्षा विभाग के निदेशालय से ही यह आदेश जारी हुए हैं।
जल्दबाजी में लिया गया फैसला
शिक्षक लंबे समय से मांग कर रहे थे स्कूलों में रेशनेलाइजेशन की समस्या का निवारण होना चाहिए। स्कूलों में शिक्षकों व बच्चों का अनुपात 1:30 होना चाहिए। लेकिन अधिकांश स्कूलों में एक शिक्षक 40 से ज्यादा शिक्षकों को पढ़ा रहे हैं। इससे सारा सिस्टम बिगड़ता है जिससे आरटीई का भी उल्लंघन होता है। विभाग ने शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का फैसला ले लिया, मगर इसमें जल्दबाजी दिखा दी। विभाग ने पांचों जिलों में शिक्षकों के तबादले की सूची तैयार कर दी और आनन फानन में जारी भी कर दी गई। जैसे ही सूची स्कूलों तक पहुंची तो विरोध शुरू हो गया। व्यवस्था सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गई। शिक्षकों में रोष फैल गया। तब विभाग को लगा कि अब बात बिगड़ सकती है। इसलिए तबादलों पर तत्काल रोक लगा दी।
ये थी तबादलों में खामियां
शिक्षकों की मानें तो इस सूची में खामियों की भरमार थी। उनकी इच्छा के खिलाफ तबादले कर दिए गए। तबादलों से पहले काउंसलिंग होनी चाहिए थी, लेकिन विभाग ने किसी शिक्षक से उसकी सहमति के बारे में नहीं पूछा। कई शिक्षकों को इतनी दूर भेज दिया कि उनके लिए डयूटी करना मुश्किल हो गया। तबादलों की सूची में नियमों की व्यापक स्तर पर अनदेखी हुई। सीनियर व जूनियर के फासले का ख्याल नहीं रखा गया। इसी से शिक्षकों में विरोध हो गया।
सरकार का सही फैसला: दहिया
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन सचिव देवेंद्र दहिया का कहना है कि तबादले पर रोक लगाना सरकार का सही फैसला है। रेशनेलाइजेशन आरटीई के नियमों के अनुसार 1:30 के अनुसार होना चाहिए। शिक्षक को स्टेशन देने से पहले काउंसलिंग होनी चाहिए।
दोबारा सूची जारी होगी: डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी मंजू गुप्ता ने कहा कि फिलहाल विभाग ने तबादलों पर रोक लगा दी है। विभाग को शिक्षकों को इधर उधर भेजने में दिक्कतें आ रही थीं जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। निदेशालय से फोन पर सूचना मिली थी। फोन पर सूचना मिलते ही कार्यवाही शुरू कर दी। जो शिक्षक रिलीव हो चुके हैं, उनके तबादले माने जाएंगे। ..DJ

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.