आखिरकार स्कूल प्रशासन ने बच्चों को आयरन गोली खिलाने के स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। अभिभावकों के कड़े विरोध और बच्चों के गोली लेने से इनकार करने पर 11 स्कूलों के शिक्षकों ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम को वापस लौटा दिया।
स्कूल प्रशासन के सहयोग नहीं करने से स्वास्थ्य विभाग के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है। शिक्षा अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी इसे लेकर दुविधा में हैं। वहीं डीसी का कहना है कि स्कूल प्रशासन बच्चों को आयरन गोली खिलाने से इंकार नहीं कर सकते हैं।
वैसे तो पहले दिन से ही आयरन गोली खिलाने का विरोध शुरू हो गया था। 21-22 जुलाई को आयरन की गोली से जिले भर में 146 बच्चे बीमार हो गए थे। बच्चों में सरदर्द, पेट दर्द, उलटी और दस्त की शिकायत हुई थी। दूसरे चरण में 29 जुलाई को विभिन्न स्कूलों के 59 बच्चे बीमार हो गए, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराया गया।
जहां गोली के साइड इफेक्ट से बच्चे डरे-सहमे हैं, वहीं अभिभावक भी इसे लेकर पशोपेश में हैं। कई जगह तो अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन को गोली देने पर धमकाया भी है। कई स्कूल हेड परेशान हैं कि वे बच्चों को गोलियां खिलाएं या नहीं। ऐसे हालात में स्कूल प्रशासन भी अब इस झंझट से छुटकारा चाहता है।
इसी क्रम में मंगलवार को 11 स्कूलों ने स्वास्थ्य विभाग कर्मियों को लौटा दिया। इनमें बादशाहपुर, गुडग़ांव गांव, घोषगढ़, डूंडाहेड़ा, शेखपुर, मोहम्मदपुर झाड़सा, जुनोला के स्कूलों के अलावा अन्य चार स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा कई स्कूलों में इस कार्यक्रम का खुलकर विरोध होने लगा है।
"कुछ स्कूलों के गोली न खिलाने की सूचना स्वास्थ्य अधिकारियों से मिली है, जिसके चलते इन स्कूलों के हेड को निर्देश दिए गए हैं कि वे चिकित्सक की निगरानी में स्कूल के प्रत्येक बच्चों को गोली खिलाएं। कोई भी हेड गोली खिलाने से इंकार नहीं कर सकता।"--डॉ. मनोज कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी, गुडग़ांव
मंगलवार को भी गोली खाने से 119 बच्चों की तबीयत बिगड़ी
आयरन की गोलियां खाने से मंगलवार को भी कलायत के तीन स्कूलों के 42 बच्चे बीमार हो गए। पेट और सिर दर्द की शिकायत से बच्चों की हालत काफी खराब थी। मंगलवार सुबह गांव खरक पांडवा, पिंजुपुरा व कलायत के करीब तीन दर्जन से अधिक बच्चों को सुबह नौ बजे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। कई बच्चों की स्थिति नाजुक होने के कारण उन्हें ड्रिप भी लगाई गई।
पाई: गांव देबन के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में भी ४० छात्रों की हालत बिगड़ गई। इधर, आयरन की गोली खाने के 24 घंटे बाद राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शहजादपुर की 16 छात्राओं व राजकीय वरिष्ठ पाठशाला फतेहगढ़ के 11 विद्यार्थियों की मंगलवार सुबह तबीयत खराब हो गई। सिरदर्द व पेटदर्द की शिकायत के चलते सभी बच्चों को शहजादपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
जहां उपचार के बाद 10 बच्चों की करीब एक बजे छुट्टी कर दी गई, बाकी बच्चों को अस्पताल में ही रखा गया है।..DB
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