रेशनेलाइजेशन के विरोध और नियमित करने की मांग को लेकर प्रदेश के 15 हजार अतिथि अध्यापक 22 जुलाई को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान सभी अध्यापक मांगों को लेकर अपने-अपने जिला मुख्यालयों व ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इतना ही नहीं, ज्यादातर अध्यापक पंचकूला स्थित शिक्षा सदन का घेराव करने के लिए वहां पहुचेंगे।हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरुण मलिक व हिसार के जिलाध्यक्ष ईश्वर शास्त्री ने बताया कि रेशनेलाइजेशन के बहाने गेस्ट टीचरों को स्कूलों से हटाना या मनमाने तरीके से उनका अलग-अलग स्कूलों में तबादला करना गलत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिथि अध्यापकों के कामकाज को देखते हुए उन्हें अविलंब नियमित कर दिया जाना चाहिए ताकि प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी अतिथि अध्यापक का तबादला किया गया तो शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे। प्रदेशाध्याक्ष मलिक ने कहा कि शिक्षा विभाग प्रयोगों के नाम पर अध्यापकों व विद्यार्थियों का भविष्य खराब करने पर तुला है। सरकार का सारा ध्यान अतिथि अध्यापकों को प्रताड़ित करने पर लगा हुआ है जबकि स्कूलों के विद्यार्थियों को अब तक पुस्तकें तक नहीं मिली हैं। ज्यादातर स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शो पीस बन कर रह गई है। डीटीएच के नाम पर आम जनता के खून पसीने की कमाई बर्बाद हो रही है।
गेस्ट टीचरों की स्थिति:
वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में 15006 अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं। इनमें से 6356 प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत हैं, वहीं 3105 मैथ, साइंस व सामाजिक विज्ञान अध्यापक, 2625 प्राध्यापक व 2920 भाषा अध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं। प्रदेश में अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति का सिलसिला 21 दिसंबर 2005 से चला आ रहा है। ..dj
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