अंबाला : बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलवाने व विद्यालयों में विद्यार्थियों के पंजीकरण के आंकड़ों में वृद्धि करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर चल रही मिड-डे-मील योजना के सही क्रियान्वन, भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता को लेकर, आजकल माहौल काफी गर्म है। हरियाणा अनुदान प्राप्त विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश महामंत्री रमेश बंसल ने इस संदर्भ में बताया कि बिहार व देश के अन्य भागों में जो घटनाएं सम्मुख आ रही हैं वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इन घटनाओं में जहां कुछ में वास्तविकता है तो कुछ सही तथ्यों पर आधारित नहीं है जिसके कारण अधिकतर अभिभावकों का विश्वास इस योजना से उठ रहा है और अपने बच्चों को मिड-डे-मील में परोसे जा रहे भोजन को खाने से मना कर रहे हैं।
रमेश बंसल ने कहा कि ऐसी स्थिति में जो विद्यालय सभी मापदण्डों को मध्यनजर रखते हुए भोजन तैयार भी करवा रहे हैं उनके लिए भी इस योजना के क्रियान्वन को लेकर भारी परेशानी आ रही है। लगातार अभिभावकों का हस्तक्षेप बढ़ रहा है। वैसे भी केन्द्र सरकार ने जब खाद्य सुरक्षा अधिनियम बारे अध्यादेश जारी कर देश की 70 प्रतिशत जरूरतमंद जनता को भोजन उपलब्ध करवाने बारे निर्णय ले ही लिया है तब मिड-डे-मिल योजना को भविष्य में जारी रखने का औचित्य स्वत: ही समाप्त हो जाता है। फि र भी यदि केन्द्र सरकार योजना को लागू ही रखना चाहती है तो पकाया गया भोजन ही विद्यालयों में उपलब्ध करवाने के लिए किसी भी विश्वसनीय एनजीओ की सहायता ली जानी चाहिए। अंबाला के जिला महामंत्री एस.एन.तिवारी ने मांग की कि केन्द्र सरकार को इस योजना के सही क्रियान्वयन बारे पुन: विचार करना चाहिए। ..dt
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