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Tuesday, 16 July 2013

दो ओएमआर शीटों पर एक ही रोल नंबर


एचटेट पास करने के लिए परीक्षार्थी नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। अब नया खुलासा दो ओएमआर शीटों पर एक ही रोल नंबर भरने का है। 
दरअसल पास होने के लिए परीक्षार्थियों ने अपने साथ कुछ सहयोगियों के भी फार्म भरवा दिए। फार्म भरने वाले परीक्षार्थियों ने अपनी-अपनी ओएमआर शीट पर उस परीक्षार्थी का रोल नंबर भरा, जिसे उन्हें पास कराना था। इससे कंप्यूटर ने सबके नंबर जोड़कर एक ही परीक्षार्थी के माने। ऐसे में उक्त परीक्षार्थी के अंक पास होने लायक हो गए। बोर्ड अधिकारियों को उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में ऐसे केस मिले हैं। सूत्र बताते हैं कि लेवल प्रथम की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में ही आठ रोल नंबर ऐसे मिले हैं, जो डबल ओएमआर शीट पर भरे हुए हैं। द्वितीय व तृतीय लेवल की उत्तरपुस्तिकाओं में भी ऐसे केस मिलने की आशंका है। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में सभी की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के बाद इन परीक्षार्थियों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाया जाएगा। 
दरअसल बोर्ड का सॉफ्टवेयर ओएमआर सीट पर गहरे किए गए गोलों को ही रीड करता है।परीक्षार्थियों ने इसी चीज का फायदा उठाकर अपने जान-पहचान वाले प्रतिभावान लोगों के भी एचटेट के फार्म भरवा दिए। फार्मों में सभी फोटो और अन्य जानकारी बिल्कुल सही दी गई। मगर, परीक्षा के दौरान उन्होंने अपनी चाल चल दी। उन्होंने अंकों में तो अपना रोल नंबर सही लिखा, मगर गोले उस रोल नंबर के गहरे कर दिए, जिसे उन्हें पास करवाना था। कंप्यूटर ने भी वही रोल नंबर असेप्ट किया। अब सॉफ्टवेयर ने दोनों परीक्षार्थियों के प्राप्त अंकों को जोड़कर एक कर दिया। उदाहरण के तौर पर यदि एक परीक्षार्थी ने 50 सवालों के जवाब सही दिए और दूसरे ने 40 सवालों के जवाब सही दिए तो उनके कुल अंक जोड़कर 90 दिखाए गए। ऐसे में उसे पास होने लायक अंक मिल गए। 
गौरतलब है कि 25 व 26 जून को हुए एचटेट में करीब 3,79,781 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। पीआरटी के लिए 1,23,472 परीक्षार्थियों, टीजीटी के लिए 1,64,388 और पीजीटी के लिए 90,021 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। 
"दो--दो परीक्षार्थियों द्वारा एक ही रोल नंबर के गोले गहरे करने के मामले सामने आए हैं। अभी तक आठ केस ऐसे सामने आ चुके हैं और जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ऐसे केसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे केसों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराने पर भी विचार चल रहा है।" -डॉ. अंशज सिंह, सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड  ..db

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