जींद : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन ((हसला)) भी अब शिक्षा विभाग की रेशनेलाइजेशन नीति के विरोध में उतर आई है। बुधवार को एसोसिएशन जिला कार्यकारिणी पदाधिकरियों की बैठक जिला प्रधान राजबीर रेढू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में रेशनेलाइजेशन में जल्द बदलावकरने की मांग को लेकर संघर्ष करने का आह्वान किया गया।
हसला के जिला प्रधान राजबीर रेढू और महासचिव सतीश शर्मा ने कहा कि स्कूल प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए जो मापदंड तय किए गए थे उसमें उसकी शैक्षणिक योग्यता संबंधित विषय में 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। 1985-86 में लागू की गई शिक्षा पद्धति में 11वीं व 12वीं कक्षा को पढ़ाने का कार्य स्कूल प्राध्यापकों को दिया गया। विषय प्राध्यापक के सप्ताह में 24 पीरियड निर्धारित किए गए व छात्र प्राध्यापक अनुपात 1:40 रखा गया। छात्र संख्या के लिए 30 सितंबर की छात्र संख्या को आधार माना गया। विषय के 30 पीरियड से \'यादा होने पर विषय के प्राध्यापक का दूसरा पद बनता था। अब शिक्षा विभाग व सरकार ने रेशनेलाइजेशन द्वारा प्राध्यापक के पीरियड 30 से बढ़ाकर 36 कर प्राध्यापकों के पदों को सिकोडऩे का काम किया है।
नई नीति में छात्र प्राध्यापक अनुपात 1:60 रखा गया है जबकि कक्षा 11वीं में 31 जुलाई तक छात्र संख्या का आधार दिया गया है। बैठक में कहा गया कि शिक्षा विभाग व सरकार अतार्किक व अव्यवहारिक तरीके से शिक्षाविदों की राय जाने बिना प्राध्यापकों के पदों को समाप्त करने पर तुली है। हसला इसे स्वीकार नहीं करेगी। प्राध्यापकों ने कहा कि समय रहते सरकार और विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो हसला संघर्ष करेगी। बैठक में दिलबाग ढांडा, सुरेश शर्मा, वीरेंद्र सिंह, हरिओम, अनिल, संदीप जैन आदि ने विचार व्यक्त किए। ..db
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