** संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगा सीधा लाभ
भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक की संस्कृत कक्षाओं दसवीं और बारहवीं कक्षा के समकक्ष मान्यता देने का निर्णय लिया है। इस फैसले से दोनों शिक्षण संस्थाओं में बने भ्रम से विद्यार्थियों को निजात मिलेगी।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार शैक्षणिक शाखा के सहायक निदेशक ने एमडीयू रोहतक के कुलसचिव को 5 जुलाई को जारी पत्र (संख्या 1952) भेजा है। इस पत्र में बताया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित संस्कृत विषय की पूर्व मध्यमा परीक्षा को दसवीं के बराबर मान्य दी जाती है। यह मान्यता इसी शर्त पर दी जाती है कि छात्र द्वारा यह परीक्षा कम से कम 5 विषयों जिनमें भाषा विषयों के अलावा दो अन्य विषय में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
इसी प्रकार उतर मध्यमा परीक्षा को बार्ड की बारहवीं कक्षा के समकक्ष मान्यता दी जाती है। छात्र द्वारा यह परीक्षा कम से कम पांच विषयों जिनमें भाषा विषयों के अतिरिक्त दो अन्य विषय में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि बोर्ड द्वारा किसी परीक्षा के समक्ष मान्यता केवल उच्च कक्षा में प्रवेश के उद्देश्य के लिए प्रदान की जाती है। बोर्ड द्वारा स्वीकृति पत्र जारी होने से कन्या गुरुकुलों में पढ़ रहे हजारों विद्यार्थियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव अंशज सिंह ने इसकी पुष्टि की है। ..au
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