रोहतक : हाल ही में ए ग्रेड विवि का दर्जा पाने वाली एमडीयू में पांच काउंसिलिंग के बावजूद भी कुछ पाठ्यक्रमों में 10 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं। लगातार पाठ्यक्रमों की ओर घटते रुझान को लेकर एमडीयू की चिंता गहराने लगी है। इन सीटों को लेकर अब विवि प्रबंधन की ओर से मंथन कर दाखिला नीति में बदलाव पर विचार किया जाएगा।
एमडीयू को ए ग्रेड मिलने के बाद पहली बार ऑनलाइन दाखिला प्रणाली शुरू की गई, लेकिन शुरुआत में ही इन ऑनलाइन प्रणाली ने विद्यार्थियों के रुझान का असर दिखा दिया। इस ऑनलाइन प्रणाली के चलते भी सिर्फ इंटरनेट जानने वाले विद्यार्थी ही रुझान दिखा पाए। इसे भी कोर्स में खाली सीटें रहने का बड़ा कारण बताया जा रहा है। अब एमडीयू में विलंब शुल्क के साथ ही दाखिले हो पाएंगे।
पांच काउंसिलिंग का इतिहास बनाया:
बता दें कि एमडीयू के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब पांच काउंसलिंग के जरिए पाठ्यक्रमों में खाली सीटों को भरने की कवायद की गई। अब तक तीन काउंसलिंग के बाद ही विलंब शुल्क से दाखिले शुरू कर दिए जाते थे और सीटें भी भर दी जाती थी। लेकिन इस बार ऑनलाइन दाखिला प्रणाली के चलते भी काफी हद तक विद्यार्थी दाखिला लेने से वंचित बने रहे।
संस्थानों की अधिकता बड़ा कारण:
क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रहे प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की अधिकता भी एमडीयू में छात्रों के घटते रुझान का बड़ा कारण साबित हो रही है। कम समय में डिग्री देने वाले संस्थान दाखिले के लिए बिना विद्यार्थियों को दौड़ाए उन्हें सभी सुविधा मुहैया करा देते है। इसके चलते भी विद्यार्थियों का रुझान इन संस्थानों की ओर अधिक देखा जा सकता है।
"एमडीयू में पाठ्यक्रमों में सीटें न भरे जाने को लेकर फिलहाल कोई सूची नहीं मिली है। स्थिति के बारे में सोमवार को जानकारी मिलने के बाद कुलपति के आदेशानुसार फैसला लिया जाएगा।"-- डॉ. रविंद्र विनायक, डीन, शैक्षणिक मामले, एमडीयू।
कोर्स सीटें निर्धारित खाली
एमए विजुअल आर्ट 20 15
एमएफए 30 20
एमएससी जेनेटिक्स 30 09
एमएससी फोरेंसिक 30 04
एमए संगीत वोकल 15 01
एमए संगीत वाद्य 15 13
फूड टेक्नोलॉजी 25 05
पर्यावरण विज्ञान 35 04 .....db
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