** शर्त के चलते एचटेट और नेट की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी भी नहीं कर पा रहे आवेदन
पोस्टग्रेजुएट टीचर पीजीटी की निकली भर्ती ने आवेदकों को गुड एकेडमिक रिकार्ड के फेर में उलझा दिया है। भले ही आवेदक ने एचटेट और नेट परीक्षा पास कर ली हो लेकिन गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त के चलते पीजीटी के लिए आवेदन ही स्वीकार नहीं किए जा रहे।
यह पढ़कर बेशक आप चौंक जाएं लेकिन यह सच है। जिन आवेदकों के मेट्रिक में 45 प्रतिशत से कम अंक हैं उनकी तमाम उच्च डिग्रियां पीजीटी भर्ती में लागू किए गए नियमों के आगे बेकार हैं। हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड पंचकूला के अनुसार अगर गुड एकेडमिक रिकार्ड नहीं है तो आवेदक नौकरी पाने के हकदार नहीं हैं। गौरतलब है कि बोर्ड ने प्रदेश के सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए 30 अगस्त को विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन संख्या 1/2014 निकालकर प्राध्यापकों के लिए आवेदन भी मांगे हैं, जिसमें प्रार्थी से उच्च योग्यता के साथ-साथ गुड एकेडमिक रिकार्ड भी मांगा गया है।
उच्च डिग्री का महत्व खत्म
बोर्ड द्वारा लगाई गई इस शर्त के बाद आवेदकों ने सवाल उठाया कि अगर उच्चतर शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी मेट्रिक परीक्षा के प्राप्तांक ही महत्व रखते हैं तो फिर उच्च डिग्री का क्या महत्व है। विद्यार्थियों ने कहा कि सीनियर सैकेंडरी, बीए, एमए, एमफिल, बीएड, एचटेट और नेट परीक्षाओं में शामिल होने के समय यह शर्त क्यों नहीं रखी गई। विद्यार्थियों ने कहा कि गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त पूरी तरह से गलत है। केवल एक कक्षा के अंकों के आधार पर किसी को अयोग्य नहीं किया जाना चाहिए। विद्यार्थियों ने कहा कि यह शर्त हजारों बेरोजगारों के भविष्य को बिगाड़ रही है। आवेदकों ने बताया कि छह जून 2012 को भी हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड पंचकूला ने विज्ञापन नंबर 1/2012 में प्राध्यापकों के पदों के लिए गुड एकेडमिक रिकार्ड मांगा था। जिसके चलते कई आवेदक पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ की शरण में पहुंचे थे और बोर्ड की इस शर्त पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्देशों पर तीन जुलाई 2012 को बोर्ड ने यह शर्त हटा दी थी। अब दोबारा यह शर्त थोपी गई है।
गुड एकेडमिक रिकार्ड का अर्थ
गुड एकेडमिक रिकार्ड के नियम के अनुसार आवेदनकर्ता के मेट्रिक में न्यूनतम 45 फीसदी, सीनियर सैकेंडरी स्नातक में न्यूनतम 50 फीसदी अंक होने जरूरी हैं। बोर्ड द्वारा रखी गई इस शर्त से प्रदेश के उन हजारों बेरोजगारों का भविष्य अधर में लटक गया है, जिन्होंने 15 से 20 वर्ष पहले मेट्रिक परीक्षा को तृतीय श्रेणी से पास किया। विद्यार्थियों ने बताया कि उस समय इस तरह का कोई नियम नहीं था। ऐसे में बोर्ड की इस शर्त से शिक्षक बनने के लिए प्राप्त की सभी डिग्री बेकार हो जाएंगी।
लेंगे हाईकोर्ट की शरण
आवेदकों ने कहा कि अगर बोर्ड ने गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त को नहीं हटाया तो उन्हें मजबूरन हाईकोर्ट में जाना पड़ेगा। विद्यार्थियों ने कहा कि भर्ती बोर्ड जानबूझकर आवेदकों को परेशान कर रहा है। आवेदकों ने कहा कि जब इससे पहली भर्ती में बोर्ड ने गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त को कोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया था तो अब दोबारा इसे क्यों लगाया गया। आवेदकों ने कहा कि इस बारे में कई बार उन्होंने हेल्पलाइन पर भी बात करने का प्रयास किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। dbkkr
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