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Monday, 1 September 2014

खेले या परीक्षा दें, असमंजस में विद्यार्थी

तोशाम : शिक्षा विभाग द्वारा जारी नित्य नए फरमानों से स्कूलों में शिक्षा का माहौल प्रभावित होता जा रहा है। छात्र व अध्यापक दस दिन बाद आयोजित होने वाली प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे हुए हैं। 
इन तैयारियों की परवाह नहीं करते हुए शिक्षा निदेशालय ने अचानक स्कूली खेल केलेंडर घोषित कर दिया तथा 30 व 31 अगस्त को सभी स्कूल मुखियाओं को जोनल खेलकूद प्रतियोगिता, 2 सितंबर से जिला स्तर तथा बाद में राज्यस्तरीय प्रतियोगिता करवाने का फरमान जारी कर दिया। विभाग के इस फरमान से छात्र व अध्यापक पेशोपेश में है कि वे बच्चों को परीक्षा की तैयारी करने दे या उन्हें विभाग के निर्देशानुसार खेल प्रतियोगिता में भेजें। पूरा वर्ष सोए रहने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा के समय खेल केलेंडर जारी करने से अभिभावक व छात्रों में विभाग के प्रति रोष है। प्रदेश में शिक्षा का स्तर पिछले कुछ वषरे से लगातार गिरता जा रहा है विभाग इसके लिए अध्यापकों को दोषी ठहराता रहा है। परीक्षा शुरू होने में दस दिन का समय शेष है तथा विभाग ने गुरुजी को इंडक्सन ट्रेनिंग के लिए के 1 से 11 सितंबर तक दस दिनों के लिए जिले की डाइट सैंटरों में भेज दिया है।
जन्म प्रमाणपत्र की अनिवार्यता के कारण नहीं हुए खेल
30 अगस्त से शुरू स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता के प्रथम दिन ही खिलाड़ियों की अस्पताल से जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता के कारण ज्यादातर टीमें बाहर हो गई। अचानक घोषित खेल केलेंडर के अनुसार जैसे तैसे स्कूल पीटीआइ विभिन्न खेलो में भाग लेने के लिए स्कूली खिलाड़ियों को निर्धारित जोन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे तो उन्हे विभाग का एक और नया फरमान सुनने को मिला। प्रतियोगिता में भाग लेने पंहुचे स्कूल पीटीआइ के अनुसार खेल आयोजकों ने उच्च अधिकारियों के निर्देशों काहवाला देते हुए सभी खिलाड़ियों का सीएमओ द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र मांगा। जन्म प्रमाणपत्र नहीं होने की स्थिति में उनकी टीम का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। शारीरिक शिक्षक संघ के प्रधान सुरेंद्र पीटीआइ ने बताया कि विद्यालय में दर्ज रिकार्ड के अनुसार ही जोनल खेल कूद प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती रही है तथा इस बार भी सभी टीमों के इंचार्ज स्कूल रिकार्ड के साथ अपनी टीम लाए थे। लेकिन प्रतियोगिता के दिन हॉस्पीटल से जारी जन्म प्रमाणपत्र की अनिवार्यता लगा देने से ज्यादात्तर टीमें प्रतियोगिता से बाहर हो गई। अस्पताल से जन्म प्रमाणपत्र लेने में कम से कम एक सप्ताह या इससे ज्यादा समय लगता है, लेकिन एन वक्त पर उनको प्रमाण पत्र लाने का फरमान जारी किया गया।                                       dj hsr 31814

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