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Sunday, 31 August 2014

शिक्षा विभाग के भेजे गलत मैसेज से परीक्षा में बवाल

** परीक्षा देने पहुंचे बच्चों, अभिभावकों को पुलिस ने दौड़ाया
** अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा एलएलए टेस्ट
** ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत दाखिले के लिए थी परीक्षा
चंडीगढ़ : शिक्षा विभाग की चूक के कारण विभिन्न जिलों में हरियाणा शिक्षा नियमावली 134-ए के तहत होने वाला लर्निंग लेवल असेसमेंट टेस्ट (एलएलए) अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। विभाग की ओर से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए मैसेज भेज दिया गया, जबकि परीक्षा के लिए न तो पर्याप्त प्रबंध किए गए और न केंद्र संचालकों को इस बारे में पूरी जानकारी दी गई। इसके चलते परीक्षा देने से वंचित रहे बच्चों के अभिभावकों ने जमकर बवाल काटा और शिक्षा विभाग के लिए नारेबाजी की।
कैथल जिले में 2800 बच्चों को संदेश भेजा गया, लेकिन 146 विद्यार्थियों को सेंटर में प्रवेश करने दिया गया। शेष बच्चों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। इस पर अभिभावकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस बल ने अभिभावकों को परीक्षा केंद्र से बाहर निकाला। 
पानीपत में परीक्षा केंद्र पर पहुंचे 2500 में से मात्र 175 बच्चे ही परीक्षा दे सके। यहां भी अभिभावकों ने परीक्षा केंद्रों पर जमकर हंगामा काटा। अंबाला कैंट के फर्रुखा खालसा स्कूल में परीक्षा का आयोजन किया गया। इस टेस्ट को देने के लिए 150 बच्चों के रोल नंबर जिला शिक्षा विभाग के पास पहुंचे हुए थे। लेकिन इनमें से 72 बच्चों ने ही परीक्षा दी। कुरुक्षेत्र में शिक्षा विभाग ने जो सूची टेस्ट देने वालों बच्चों की भेजी उसमें केवल 356 विद्यार्थियों के ही नाम शामिल थे। जबकि परीक्षा केंद्र पर करीब 450 से अधिक बच्चे पहुंचे।
करनाल के रेलवे रोड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के सामने शनिवार को बच्चों के अभिभावकों ने जाम लगा दिया। एक घंटे के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को परीक्षा में बैठाया, तब जाकर अभिभावकों ने जाम खोला। दूसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि लिस्ट में उन बच्चों का नाम नहीं आया है जो पहले परीक्षा दे चुके हैं। 
पहली परीक्षा देने से चूके बच्चों का होना था टेस्ट 
निजी स्कूलों में गरीब व बीपीएल परिवार के बच्चों को दाखिला देने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से इससे पहले भी लर्निंग लेवल असेस्मेंट टेस्ट 11 मई को आयोजित किया जा चुका है। विभाग की लापरवाही के चलते दाखिला लेने का इंतजार कर रहे अधिकतर बच्चों को इसकी सूचना ही नहीं पहुंची। इस कारण वे परीक्षा में नहीं बैठ पाए। इसके चलते इस दोबारा परीक्षा का आयोजन करना पड़ा।                                             dj 31814

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