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Tuesday, 26 August 2014

सीबीएसई स्कूलों को दिया जोर का झटका

** शिक्षा बोर्ड के नियम के अनुसार अब नहीं ले सकेंगे शिक्षा विभाग के स्कूलों के खेलों में भाग, बनेगी अलग टीम
** राजकीय स्कूलों का ही होगा प्रतिनिधित्व 
शिक्षा विभाग ने सीबीएसई के अंतर्गत आने वाले स्कूलों को जोर का झटका दे दिया है। अब सीबीएसई स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले खेलों में भाग नहीं ले सकेंगे। शिक्षा विभाग ने उनकी प्रतिभागिता पर बैन लगा दिया है। जिसकी औपचारिक घोषणा 27 अगस्त को संभव है। 
शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कराई जाने वाली प्रतियोगिताओं में अभी तक सीबीएसई स्कूलों का ही दबदबा रहता था, लेकिन अब सीबीएसई स्कूलों के छात्र सीबीएसई की इंटर स्कूल प्रतियोगिताओं के जरिए ही राष्ट्रीय स्कूल खेलों तक पहुंच पाएंगे। वहीं सीबीएसई स्कूलों की एंट्री पर बैन लगाए जाने के बाद राजकीय स्कूलों के ज्यादा से ज्यादा छात्रों को खेलने और आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। 
खेल कैलेंडर की घोषणा 27 को
शिक्षा विभाग द्वारा खेल कैलेंडर की घोषणा 27 अगस्त को की जाएगी। जिसमें नए खेलों को शामिल करने, खेल नियम तथा अन्य मुद्दों पर विचार होगा। पंचकूला शिक्षा सदन में 11 बजे होने वाली इस बैठक में डीईओ एवं एईआे भाग लेंगे। 
इसलिए लिया गया फैसला 
एईओ जगबीर मलिक ने बताया कि अधिकांश सीबीएसई स्कूल प्रतियोगिता में तो हिस्सा लेते हैं, लेकिन स्पोटर्स फंड जमा नहीं कराते। अब कोई सिफारिश नहीं चलेगी। प्रतिभागिता के लिए खेल फंड सभी के लिए अनिवार्य है। आखिर वे भी तो विद्यार्थियों से वसूल करते हैं। इसलिए उन्हें भी बोर्ड के नियम के अनुसार चलना होगा।
इसलिए सीबीएसई का बना अलग कैडर
राष्ट्रीय स्कूल खेलों में हिस्सा लेने के लिए पहले एक राज्य से एक ही टीम भेजे जाने की अनुमति थी, लेकिन अब सीबीएसई का अलग कैडर बनने के बाद एक राज्य से दो टीमें राष्ट्रीय स्कूल खेलों में हिस्सा ले सकेंगी। एक टीम विभाग के द्वारा भेजी जाएगी और दूसरी टीम सीबीएसई स्कूलों के द्वारा। इसलिए विभाग के अधिकारी नहीं चाहते कि सीबीएसई स्कूलों के छात्र दोहरा फायदा उठाएं। इस बैन से सीबीएसई स्कूलों के छात्रों को काफी नुकसान होगा। इन स्कूलों के छात्रों को तो दोहरी उपलब्धि मिलेगी और ही उसके आधार पर मिलने वाली दोहरी ईनामी राशि। प्रदेश सरकार के द्वारा राज्य स्तर से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया जाता है। 
डबल फायदा उठाने का नियम सही नहीं है 
"सीबीएसई स्कूलों डबल फायदा उठाए यह सही नहीं है। उनका अब जब अलग कैडर बन गया है तो वो उसके जरिए प्रतियोगिताओं में हिस्सा लें। इस मुद्दे पर अंतिम औपचारिक फैसला 27 अगस्त को होगा।''--कमला सैनी, खेलनिदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा।                                           dbsnpt

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