यमुनानगर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रतिनिधि और इसी विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ एवं उच्चतर शिक्षा निदेशायल के प्रतिनिधियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के फैसलों एवं हरियाणा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुये महाराजा अग्रसेन कॉलेज में राजनीति शास्त्र विषय के सहायक प्राध्यापक के लिये साक्षात्कार नहीं लिये गये। उन्होंने लोक प्रशासन विषय में एम.ए., पीएचडी, नेट/सेट किए हुए उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेने से ही मना कर दिया। जब इस बारे में उम्मीदवारों ने लिखित में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की तो उक्त प्राधिकारियों ने कहा कि न तो वह लिखकर देेंगे और न ही उनका साक्षात्कार लेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट एवं उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा का निर्णय एवं निर्देश है कि लोक प्रशासन विषय में एम.ए., पीएचडी, नेट/सेट किए हुए उम्मीदवार स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर आयोजित शिक्षक साक्षात्कार में भाग ले सकते हैं और योग्य पाए जाने पर उनका चयन भी होगा। इसी प्रकार राजनीति शास्त्र में एम.ए., पीएचडी, नेट/सेट किए हुए उम्मीदवार भी लोक प्रशासन विषय के शिक्षक पद हेतु आवेदन कर सकतेे हैं।
साक्षात्कार में भाग लेने पहुंचे अम्बाला के डा. सुरेश कुमार, हिसार से डा. सुनीता, जींद से डा. विजय वीर सिंह, जगाधरी से डा. ममता शर्मा, यमुनानगर से डा. उदयभान सिंह एवं हरियाणा तथा आसपास के प्रदेशों से पहुंचे उम्मीदवारों ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वीसी नॉमनी की पहल पर डीएचई नामनी एवं अन्य ने उम्मीदवारों के भविष्य और नियमों-कानूनों के साथ खिलवाड़ किया है। यहां तक कि चयन समिति में लोक प्रशासन विषय के प्रतिनिधि को भी शामिल नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला, शिक्षा विभाग हरियाणा, चंडीगढ़ औैर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वीसी को इस बारे में लिखित शिकायत दी जा चुकी है मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि 22 अगस्त को हुए साक्षात्कार रद्द कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तो वह राज्यपाल, राष्ट्रपति, सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायधीश एवं मुख्य न्यायधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को भी शिकायत करेंगे। dt27.8.14
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