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Sunday, 24 August 2014

शिक्षा महानिदेशक के सामने मांगें रखेंगे टीचर्स

** जिन मांगों पर सहमति बन चुकी है, उनके पत्र जारी करवाएंगे 
गुहला चीका : हरियाणाराजकीयअध्यापक संघ संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ 70 का एक शिष्टमंडल 25 अगस्त को शिक्षा महानिदेशक विवेक अत्रेय से मिलेगा जिस की अध्यक्षता हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन करेंगे। 
यह जानकारी देते हुए शिष्टमंडल मे संघ के प्रांतीय चेयरमेन कुलभूषण शर्मा ने बताया कि गत दिनों शिक्षा मंत्री से हुई बैठक मे जिन मांगों पर सहमति बन गई थी उन मांगों के पत्र जारी करवाए जाऐंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षा महानिदेशक से अन्य मांगों पर भी चर्चा की जाएगी। 
ये हैं अध्यापकों की मुख्य मांगें : 
प्राध्यापकों या मास्टर्स के एसीपी मामले जिला स्तर पर ही निपटाना। शिक्षा मंत्री के साथ बनी सहमति का पत्र जारी करवा कर लागू करवाना। मास्टर वर्ग की प्राध्यापक पद पर पदोन्नति 2012 से पहले के नियमानुसार कि जाए विषय की शर्त को तुरंत हटाया जाए। 
18 अगस्त 2009 का पत्र वापस लिया जाए सभी 01 जनवरी 2006 के बाद लगे जेबीटी शिक्षकों को 16290 मास्टर्स को 18460 बेसिक वेतन दिया जाए, जबकि आरटीआई द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार स्टेट में 80 प्रतिशत को यह दे दिया गया है। किसी भी सूरत में वरिष्ठ को कनिष्ठ से कम वेतन दिया जाए जबकि 1996से 2005 तक लगे हुए अध्यापक जनवरी 2006 के बाद लगे अध्यापकों से कम वेतन ले रहे हैं। बार-बार अपील करने पर भी तो शिक्षा विभाग ही वित्त विभाग ध्यान दे रहा है। बल्कि वरिष्ठ को प्रत्येक तीन वर्ष की सेवा पर एक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। एलिमेंट हेडमास्टर्स को पदोन्नति सभी हिंदी पंजाबी एवं डीपीई अध्यापकों को वरिष्ठता अनुसार की जाए। जिसमें बीए या बीएड की शर्त हटाई जाए। क्योंकि उनकी नियुक्ति के समय इस प्रकार की कोई शर्त नहीं थी। सभी वेतन विसंगतियां दूर करके सातवें वेतन आयोग का गठन किया जाए नहीं तो तब तक डीए का 50 प्रतिशत बेसिक मूल वेतन में जोड़ा जाए तथा सभी प्रकार की पदोन्नतियों पर एक वेतन वृद्धि अधिक दी जाए, जैसे पहले दी जाती थी। प्रधानाचार्यों की पदोन्नति के लिए हाई स्कूल मुख्याध्यापक प्राध्यापकों से शीघ्र केस मांगे जाए पदोन्नति पुराने नियमों के अनुसार की जाए जो अध्यापक 2006 तक प्राध्यापक बन चुके हैं, उन्हें भी मुख्याध्यापक के पद पर पदोन्नत किया जाए। कोर्ट के फैसले को तुरंत लागू किया जाए। अंतर जिला स्थानांतरण नीति शीघ्र बनाई जाए। अध्यापकों या प्राध्यापकों से गैर शिक्षण कार्य कराया जाए एवं एमडीएम का कार्य सिविल वर्क का कार्य कराया जाए।                                                     db

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