नई दिल्ली : हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और नीली क्रांति का नाम तो आपने सुना ही होगा। लेकिन अब आप ई-क्रांति के लिए तैयार हो जाइए। मोदी सरकार ने देश में ई-क्रांति लाने के लिए महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरू किया है, जिस पर अगले कुछ वर्षो में भारी भरकम 1.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की खासियत यह है कि इसके तहत सबको कंप्यूटर सिखाया जाएगा। इसके अलावा जमीन के दस्तावेज से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और अन्य कई तरह के सरकारी दस्तावेज ऑनलाइन प्राप्त किए जा सकेंगे।
इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से चलाए जाने वाले डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को 20 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। यह कार्यक्रम भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए है।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम चालू वित्त वर्ष से 2018 तक चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। इसके तहत सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रानिक रूप से उपलब्ध होंगी। इससे आम लोगों को सरकारी सेवाएं न सिर्फ जल्द मिलेंगी, बल्कि इससे सरकारी कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना भी आसान होगा। इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत आम लोगों को सरकारी सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करना आसान होगा। फिलहाल कई सेवाओं के लिए लोगों से कई तरह के दस्तावेजों की प्रतियां मांगी जाती हैं जो अब अधिकतर मामलों में देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। देश में ई-क्रांति लाने वाले डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत सबको कंप्यूटर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। dj
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