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Tuesday, 26 August 2014

6124 जेबीटी गेस्ट टीचर्स को राहत 9647 नवनियुक्त हुए आहत

** 6 अगस्त को हाइकोर्ट ने दी थी लिस्ट जारी करने को हरी झंडी 
** अब एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया का लटकना तय 
** हाइकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए टीचर्स को नियुक्त पत्र जारी करने का मामला 
** प्राथमिक शिक्षा निदेशक सभी डीईओ को कोर्ट की अग्रिम अवमानना का नोटिस जारी, 9647 जेबीटी पर नोटिस भारी 
किसी को राहत तो कोई आहत। लंबे इंतजार और कानूनी प्रक्रिया के बाद प्रदेशभर में 9647 जेबीटी टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया के परिणाम के बाद प्रदेश में ऐसी ही स्थिति बनी है। 6 अगस्त को हाइकोर्ट द्वारा पीआरटी लिस्ट को हरी झंडी देने लिस्ट जारी होने की खुशी का जश्न अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि इस बीच एक बार फिर टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया पर नोटिस की तलवार लटक गई है। 
बेशक यह नोटिस 9647 टीचर्स पर भारी पड़े लेकिन प्रदेशभर के जेबीटी गेस्ट टीचर्स को इससे राहत जरूर मिली है। चूंकि नवनियुक्तों को सेंटर अलाट कर दिए गए तो प्रदेशभर में कार्यरत सभी 6124 जेबीटी गेस्ट टीचर्स को बाहर कर दिया जाएगा। लिहाजा गेस्ट टीचर्स के लिए यह खुशी की खबर है। 
दरअसल, जींद निवासी महासिंह ने हरियाणा सरकार द्वारा इन टीचर्स को स्टेशन अलाट करने उन्हें जल्दी ही नियुक्ति पत्र देने के खिलाफ अपने वकील जसबीर मोर के माध्यम से प्रदेश के सभी शिक्षा अधिकारी प्राथमिकी शिक्षा निदेशक को कोर्ट की अवमानना का अग्रिम नोटिस भेज दिया है। अगर इस नोटिस के बाद भी सरकार इन टीचर्स को स्टेशन अलाट करती है तो सरकार पर हाइकोर्ट की अवमानना केस दर्ज होना तय है। 
सरकार ने कोर्ट में किया था तकनीकी जांच का वादा : 
सरकार के एडवोकेट जनरल ने हाइकोर्ट में सरकार की ओर से वादा किया था कि इन 9647 उम्मीदवारों की डिग्री, अनुभव खासकर अध्यापक पात्रता परीक्षा में लिए गए अंगूठे फोटो की तकनीकी जांच की जाएगी। उसके बाद ही इन्हें सेंटर अलाट होंगे। इसके बाद ही हाइकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया का रिजल्ट जारी करने को हरी झंडी दिखाई दी।
टीएस बोर्ड के माध्यम टीचर्स को स्टेशन अलाॅट 
नोटिस में कहा गया है कि सरकार ने इस मामले में इतनी जल्दबाजी की है कि शिक्षा विभाग की बजाए सरकार ने टीचर्स सलेक्शन बोर्ड के माध्यम से इन टीचर्स को स्टेशन अलाट कर दिए। जबकि किसी भी टीचर के प्रमाण-पत्रों की अभी तक कोई जांच नहीं हुई। 
क्या है नोटिस में 
सभी जिला शिक्षा अधिकारियों प्राथमिकी शिक्षा निदेशक को भेजे गए इस नोटिस में कहा गया है कि अगर कोई भी अधिकारी इन चयनित टीचर्स को प्रमाण पत्रों की जांच से पूर्व नियुक्ति पत्र देता है तो यह हाइकोर्ट की अवमानना होगी। साथ ही हाइकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस की खंडपीठ के आदेशों का जिक्र भी किया है, जिसके तहत बताया है कि हाइकोर्ट ने 6 अगस्त को सरकार को भर्ती के परिणाम घोषित करने की छूट इस आधार पर दी थी कि सरकार हर तरह से इनके प्रमाण पत्रों की तकनीकी जांच करने के बाद ही इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करेगी। नोटिस में 2011 में नियुक्त हुए 8285 जेबीटी मामले का जिक्र किया गया है कि कहीं जल्दबाजी में यह भर्ती भी बाद में रद्द करनी पड़े। 
आगे क्या 
सरकार को अब फूंक-फूंककर कदम उठाना होगा। नवनियुक्त जेबीटी टीचर्स को उनके अंगूठे अन्य दस्तावेज जांच के बाद ही सेंटर अलाट होंगे। ऐसा करने में सरकार को अब कम से कम 2 माह का समय लगना तय माना जा रहा है। चूंकि विधानसभा चुनाव भी सिर पर है। इसी कारण 2 माह से अधिक की देरी भी संभव है।                         dbambl



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